चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का उत्तर प्रदेश के साथ लम्बित द्विपक्षीय मामलों को हल करने की गई पहल को शनिवार को उस समय एक बड़ी सफलता मिली जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ शुक्रवार को लखनऊ में हुई बैठक में यमुना नदी पर तीन पुलों के निर्माण कार्य को करने की सहमति उत्तर प्रदेश ने अपने स्तर पर व्यक्त की। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि पलवल के हसनपुर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग को उत्तर प्रदेश से जुडऩे वाले पुल को दोनों राज्य अपने-अपने हिस्से का निर्माण स्वयं करवाएंगे न कि 50-50 के अनुपात में।
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बैठक में हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सीमा के मामले में 14 फरवरी, 1975 को दिए गए दीक्षित अवाॅर्ड के अन्तर्गत जो बुर्जियां मौके से गायब हैं उनकी पुन: स्थापना के लिए निर्णय लिया गया कि यह कार्य सर्वे ऑफ इण्डिया के माध्यम से 31 मार्च, 2020 तक पूरा करवाने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस कार्य पर लगभग 20 करोड़ रुपए की राशि के खर्च होने का अनुमान है तथा दोनों राज्य 50: 50 के अनुपात में यह राशि वहन करेंगे।
बैठक में पानीपत जिले में बिलासपुर को खोजकीपुर को जोडऩे वाले उच्चस्तरीय पुल तथा सडक़ के निर्माण के लिए 70 मीटर भूमि उत्तर प्रदेश सरकार 01 माह के अन्दर अधिग्रहण कर इसका निर्माण कराएगी। इसी प्रकार फरीदाबाद व ग्रेटर नोएडा वाया जसना-मंझवाली अट्टा गुजरांन के बीच यमुना नदी पर पुल के निर्माण पर भी उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई और इसी महीने भूमि अधिग्रहण कर दी जाएगी, जिसकी कीमत 104 करोड़ रुपए होगी।
यमुना नगर-रादोर (राज्यमार्ग-06) सडक़ से नुकूर-सहारनपुर (एमडीआर-1472) सडक़ पर यमुना नदी पर उच्चस्तरीय पुल के निर्माण के लिए भी उत्तर प्रदेश ने अपने स्तर पर करने का आश्वासन दिया तथा इसके लिए उत्तर प्रदेश 04 कनाल जमीन का अधिग्रहण करेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि पलवल के हसनपुर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग को उत्तर प्रदेश से जुडऩे वाले पुल का निर्माण अपने-अपने हिस्से में पडऩे वाले भाग को अपने स्तर पर बनाएंगे न कि 50-50 के अनुपात में।
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर भी विस्तार से चर्चा हुई। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। इन मुद्दों के समाधान के लिए शीघ्र ही अगली बैठक इसी महीने में आगरा में बुलाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन विभाग के अतिरिक्त सचिव धनपत सिंह, लोक निर्माण के अतिरिक्त सचिव राजीव अरोड़ा, सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह, ईआईसी वीरेन्द्र सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी व सम्बन्धित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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