चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) और श्रम एवं रोजगार विभागों को निर्देश दिए कि वे सयुंक्त रूप से एक ऐसा ऑनलाइन-मैकेनिज्म तैयार करें कि 10 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले किसी भी प्रतिष्ठान में कार्यरत कर्मचारियों, जिनका वेतन प्रतिमाह 21,000 रुपये से कम है, की भविष्य निधि (पीएफ) उन कर्मचारियों के बैंक खाते में सीधा जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री यहां 13 विभागों की ‘सीएम-घोषणाओं’ की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार, वन, सहकारिता, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान, मत्स्य-पालन, राज्य सैनिक और अर्ध सैनिक, एचएसआईआईडीसी, आवास, पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, परिवहन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और मुख्य सचिव कार्यालय विभाग शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मामलों में ठेकेदारों या नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों के कटौती किए गए पीएफ को कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं करवाने की कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसलिए ऐसे कर्मचारियों को राहत प्रदान करने के लिए एक ऑनलाइन तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि उनके पीएफ को सीधे खातों में स्थानांतरित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने उनके द्वारा की गई घोषणाओं पर संबंधित विभागों को काम को तेज करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण (भवन और सडक़) विभाग को उन परियोजनाओं के बारे में तीन दिनों के भीतर एक सूची प्रदान करने का निर्देश दिया, जिन पर अन्य विभागों द्वारा बजट का हस्तांतरण न किए जाने के कारण कार्य रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में राज्य में बनने वाले सभी विश्राम गृहों में डॉर्मिटरीज का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि आम आदमी सस्ती दरों पर वहां की सुविधा का लाभ उठा सके। उन्होंने जींद जिला के उचाना में औद्योगिक सैक्टर तथा डबवाली में फूड-पार्कस्थापित करने के लिए हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढ़ांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) को भी संभावनाएं तलाश करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जिला झज्जर के गांव मातनहेल में सैनिक स्कूल की स्थापना के संबंध में कदम उठाने का निर्देश दिया। उनको बताया गया कि ग्राम पंचायत मातनहेल ने इस स्कूल के लिए 300 एकड़ भूमि प्रदान की है, जबकि वित्त विभाग ने भी इस स्कूल के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। एक ड्राफ्ट एग्रीमैंट तैयार करके स्वीकृति के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है। ड्राफ्ट की स्वीकृति के बाद इस स्कूल की स्थापना के लिए हरियाणा सरकार तथा रक्षा मंत्रालय के मध्य एक समझौता-ज्ञापन होगा। मुख्यमंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि करनाल की कर्ण लेक व ओएसिस पर्यटन केंद्र को विकसित करने व अपग्रेड करने के लिए 10.42 करोड़ रुपये का एक एस्टीमेट तैयार किया गया है।
इसके अलावा, कुरूक्षेत्र में सिख-म्यूजियम तथा करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से भगवान कृष्ण का विराट-स्वरूप स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह भी बताया कि यमुनानगर जिला के रादौर क्षेत्र में स्थित टोपरा कलां में दो करोड़ रूपए की लागत से एक टूरिज्म पार्क बनाया जाएगा। समीक्षा बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि पर्यटन मंत्रालय के फेज-2 के तहत कृष्णा-सर्किट के अंतर्गतनूह जिला के नल्हड़ में स्थित पर्यटक स्थान पांडव मंदिर को विकसित करने की स्वीकृति हो गई है।
इस अवसर पर बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर,अतिरिक्त प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, उपप्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले रामनिवास, पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन, प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी.एस कूंडू, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एन राय, परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, बिजली एवं सीएम घोषणाओं को लागू करने से संबंधित अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी गुप्ता,इलैक्ट्रोनिक्स एवं सूचना तकनीक के महानिदेशक विजयेंद्र कुमार के अलावा मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरजीत सिंह भी उपस्थित थे।
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