चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनावों ने चौटाला परिवार के लिए एक नई राजनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है। इनेलो प्रमुख अभय चौटाला को ऐलनाबाद से 15,000 वोटों की भारी हार का सामना करना पड़ा। अब इस हार का एक दिलचस्प पहलू ये है कि उनके अपने बेटे अर्जुन चौटाला भी रानिया से चुनाव जीत गए।
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रानिया सीट से तो मामला और भी दिलचस्प हो गया, क्योंकि अर्जुन के सामने उनके ही दादा, रणजीत सिंह चौटाला, निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे। इस बार रणजीत सिंह चौटाला का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वे तीसरे स्थान पर रहे। पिछला लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ लड़ा, लेकिन टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।
लेकिन चौटाला परिवार के लिए सबसे बड़ा झटका उचानाकलां से अभय चौटाला के भतीजे, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को लगा है। दुष्यंत न केवल हार गए, बल्कि पांचवें नंबर पर रहे। इस तरह से चौटाला परिवार का चुनावी गणित उलट-पुलट हो गया है।
इस चुनावी हार ने साफ कर दिया है कि हरियाणा की राजनीति में कुछ नया हो रहा है, और चौटाला परिवार को अब अपनी जड़ों को फिर से मजबूत करने की जरूरत है।
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