चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस. ढेसी ने जिला के उपायुक्तों के निर्देश दिए हैं कि कस्टम हायरिंग केन्द्रों तथा व्यक्तिगत किसानों को फसल अवशेष प्रबन्धन के लिए सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम उपकरण 31 अगस्त तक उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि आगामी सीजन में पराली के जलाए जाने के मामले न हों। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा हारवेस्ट कंबाइनरों के साथ भी सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम उपकरणों को लगाया जाना अनिवार्य किया गया है, जिससे फसल काटते समय कंबाईन द्वारा अधिक प्रदूषण न हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ढेसी यहां चंडीगढ़ से आठ जिलों अंबाला, कैथल, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, सोनीपत, जींद तथा फतेहाबाद के उपायुक्तों एवं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ फसल अवशेष प्रबन्धन उपकरणों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक खंड स्तर व जिला स्तर पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि किसानों को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए जागरूक किया जा सके। इसके अलावा किसानों के लिए प्रदर्शन तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम 1 सितंबर से 30 नबंबर तक चलाए जाएंगे, जिनमें लगभग 10000 किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा सरकार द्वारा सीएचसी के माध्यम से कृषि यंत्र खरीदने के लिए 80 प्रतिशत अनुदान व व्यक्तिगत रूप से यंत्र खरीदने पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया है तथा इस कार्य के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 137 करोड़ रुपए उपलब्ध करवाए गए हैं।
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