चंडीगढ़। ऑनलाइन बैंक खातों और पासवर्ड हेक कर सेंध लगाकर खाते से धनराशि निकालना अब हरियाणा में आसान नहीं होगा। इसके लिए क्रिटिकल सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी-2017 तैयार की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस नीति का उद्देश्य ऐसी सूचना, चाहे वह स्थाई रूप से या पारगमन में उपलब्ध या सृजित की गई हो, की गोपनीयता, प्रामाणिकता तथा उपलब्धता सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि यह नीति सुनिश्चित करेगी कि सरकारी व गैर-सरकारी सभी कर्मचारियों के लिए इंफोरमेशन सिक्योरिटी पर जागरूकता कार्यक्रम उपलब्ध हो।
उन्होंने बताया कि साइबर सुरक्षा नीति का उद्देश्य हरियाणा साइबर स्पेस में सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना संचार प्रौद्योगिकी से जुड़ी सूचना प्रक्रिया प्रणालियों में पर्याप्त भरोसा और विश्वास पैदा करके राज्य में सुरक्षित साइबर सोसाइटी बनाना और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में सुरक्षित सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना संचार प्रौद्योगिकी अवसंरचना को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुरक्षित साइबर पारिस्थितिकी तंत्र या सुरक्षित साइबर सोसाइटी सुनिश्चित करने के लिए विनियामक ढांचे को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी सुरक्षा सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए एक एकीकृत प्लेटफार्म डिजाइन और विकसित करने के लिए एक एंटरप्राइज सुरक्षा वास्तुकला या फ्रेमवर्क का निर्माण करेगी, जो सुरक्षा घटनाओं के निवारक, लाइव, पोस्ट विश्लेषण के लिए एक एकीकृत मंच होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया का सपना हरियाणा में तेजी से साकार होगा। प्रदेश भर की आईटी-आईटीईएस, कॉरपोरेट कंपनियों व उद्योग जगत की ओर से पिछले कई सालों से इसकी मांग की जा रही थी।
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