चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के सभी संबंधित उपायुक्तों तथा विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे रबी फसल की बिजाई से पहले-पहले जलभराव क्षेत्रों से शत-प्रतिशत पानी निकासी का कार्य पूरा कर लें, ताकि किसानों को रबी की फसल की बिजाई में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सभी जलभराव क्षेत्रों से जल निकासी के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभावित सहयोग किया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, बिजली विभाग, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग, स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों सहित मंडलायुक्तों और संबंधित जिला उपायुक्तों को दिए। उल्लेखनीय है कि गत सितंबर माह के अंतिम सप्ताह के दौरान हुई बरसात से कृषि क्षेत्र के निचले इलाकों में दो लाख एकड़ क्षेत्र में जलभराव हुआ था।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वे बरसात की वजह से बहुत ही अधिक प्रभावित हुए क्षेत्रों का दौरा करें और क्षेत्र की सही स्थिति की समीक्षा करें। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग को ऐसे जलभराव क्षेत्रों में 24 घंटे लगातार बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जहां पानी निकासी का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि यदि आवश्यक हो तो अधिक पंपों को किराये पर लिया जाना चाहिए और अप्रभावित जिलों से ऐसे पंप तुरंत मंगवाकर प्रभावित क्षेत्रों में स्थानांतरित किए जाने चाहिए, ताकि जल्द से जल्द से पानी की निकासी की जा सके। बैठक में यह भी बताया गया कि जलभराव क्षेत्र के लगभग 70 हजार एकड़ क्षेत्र से पानी की निकासी कर दी गई है।
बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि जलभराव क्षेत्रों से पानी की निकासी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी और प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव को समाप्त करने के लिए फंड प्राथमिकता पर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने वास्तविक क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा किया।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान बताया कि इन जिलों में 1100 इलेक्ट्रिक और डीजल तथा ट्रैक्टर पंप जलभराव क्षेत्रों से पानी निकासी के लिए लगाए गए हैं और अब तक प्रभावित क्षेत्रों से 66000 से अधिक क्यूसेक पानी निकाला जा चुका है। बैठक में यह भी बताया गया कि करनाल, कैथल और पानीपत में पानी निकासी का कार्य पूरा कर लिया गया है और रबी फसल बुआई से पहले-पहले सोनीपत, जींद, झज्जर, रोहतक, भिवानी, हिसार और चरखी दादरी में जलभराव क्षेत्रों से पानी निकासी को पूरा कर लिया जाएगा। जलभराव से राज्य के प्रभावित जिलों में रोहतक, झज्जर, चरखी-दादरी, भिवानी, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, पानीपत और सोनीपत शामिल हैं।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के.दास, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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