चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के इतिहास में पहली बार मूक एवं बधिर कर्मचारियों को वाहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। इससे पूर्व यह वाहन भत्ता केवल राज्य के नेत्रहीन और आर्थोपेडिक निशक्त कर्मचारियों को दिया जाता था। इस प्रस्ताव को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंजूरी दे दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने 1 मई, 2018 से मूक एवं बधिर कर्मचारी, जिनमें 60 डेसिबल या इससे अधिक वाले श्रवण बाधित कर्मचारी भी शामिल हैं, को वाहन भत्ता का लाभ बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इस वाहन भत्ता लाभ में ऐसे कर्मचारियों को मूल वेतन के 10 प्रतिशत की दर या कम से कम 2,500 रुपए और अधिकतम 7,200 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार की तर्ज पर लाभ के लिए बधिर सरकारी कर्मचारी कल्याण संघ की मांग के विचाराधीन यह निर्णय लिया है। इससे पहले, यह लाभ केवल राज्य के नेत्रहीन और आर्थोपेडिक निशक्त कर्मचारियों को दिया जाता था।
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