चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी सरकारी कॉलेज में कोई एक्सटेंशन लेक्चरर स्थानांतरण या प्रतिनियुक्ति के कारण विस्थापित होता है तो संबंधित प्रधानाचार्य द्वारा उसे प्रासंगिक स्थानांतरण के कारण रिक्त हुई सीट या वर्कलोड के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे एक्सटेंशन लेक्चरर निदेशालय में जाए बिना अपनी पसंद के किसी अन्य निकटतम कॉलेज में संपर्क कर सकते हैं और वहां समायोजित हो सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि यदि एक से अधिक विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर एक ही कॉलेज में संपर्क करते हैं तो अधिक सेवा अवधि वाले अभ्यर्थी को पहले समायोजित किया जाएगा। सेवा अवधि निर्धारित करने के लिए संबंधित प्रधानाचार्य द्वारा जारी अनुभव संबंधी पत्रों पर विचार किया जाएगा। यदि ऐसे दो व्यक्तियों की सेवा अवधि समान है तो आयु में बड़े को पहले समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विस्थापित एक्सटेंशन लेक्चरर्स को परीक्षा एवं अवकाश अवधि के दौरान भी समायोजित किया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि स्नातकोत्तर कक्षाओं को नियमित लेक्चरर्स द्वारा ही पढ़ाया जाएगा और नियमित स्टाफ की कमी होने पर पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर को राज्य एवं यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुसार स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं, दोनों को पढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि सभी एक्सटेंशन लेक्चरर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुच्छ कारणों से आयोजित किए जाने वाले धरनों, सड़क अवरोधों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के घेराव जैसे गैर जिम्मेदाराना कार्यों में शामिल न हों।
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