चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ बिजली टेंडर घोटाले को लेकर एमपी/एमएलए रोस्टर में सुनवाई का आदेश दिया है। न्यायाधीश संजीव बेरी ने यह निर्देश दिया है कि चूंकि यह मामला एक सांसद से संबंधित है, इसलिए इसे एमपी/एमएलए रोस्टर में सूचीबद्ध किया जाए।
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अधिवक्ता अभिनय शर्मा ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना ना होने के चलते हरियाणा के मुख्य सचिव, विशेष सचिव और एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजीपी को नोटिस आफ कंटेम्प्ट भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, जांच के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया है।
स्टेटस रिपोर्ट में उल्लेखित है कि ईश्वर सिंह नैन, रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य आरोपी हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत उचित कार्रवाई की जा रही है, लेकिन फाइल को मुख्य सचिव के कार्यालय में दबा दिया गया है।
अजय संधू ने आरोप लगाया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग करके “मैसर्ज सन्धु सिक्योरिटी सर्विस” को टैण्डर दिलवाया। इस फर्म ने विभाग की शर्तों को पूरा नहीं किया था। इसके अलावा, सुरजेवाला और अन्य ने कर्मचारियों से रिश्वत भी ली है और नौकरी दिलवाने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है।
अजय संधू ने बताया कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं और उनका कहना है कि आरोपियों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मामले की लगातार निगरानी की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है।
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