चंडीगढ़। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से नैशनल इंस्टिच्यूट ऑफ फैशन टैक्रोलोजी (नीफ्ट) पंचकूला का ‘सैर्टिफिकेट-कोर्स’ लांच किया। इस अवसर पर चंडीगढ़ में हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक ए.श्रीनिवास, निदेशक के.के कटारिया,अतिरिक्त निदेशक राजेश अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के समय ही नीफ्ट पंचकूला का ‘सैर्टिफिकेट-कोर्स’ के ब्रोसर का भी अनावरण किया गया। इस संस्थान में हरियाणा निवासियों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक ए.श्रीनिवास ने जानकारी दी कि नैशनल इंस्टिच्यूट ऑफ फैशन टैक्रोलोजी (नीफ्ट) पंचकूला में फैशन क्लोथिंग एंड टैक्रोलॉजी, डिजाइन डिवलेपमैंट फॉर इंडियन एथनीक वियर, फैशन एंड मीडिया कम्यूनिकेशन, टैक्सटाइल फॉर इंटेरियरस एंड फैशन तथा फैशन निटवियर प्रोडक्शन एंड टैक्रोलोजी समेत कुल पांच सैर्टिफिकेट कोर्स करवाए जाएंगे। इन कोर्सों में 10 जमा 2 (बिना किसी ऊपरी आयु सीमा के) वाले छात्र प्रवेश लेने के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि ईरानी ने गत 29 दिसंबर 2016 को नीफ्ट पंचकूला की आधारशिला सैक्टर- 23 पंचकूला में रखी थी जिसका निर्माण 10.45 एकड़ जमीन में होना है। राज्य सरकार ने निफ्ट पंचकूला के लिए 133 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस भवन का निर्माण हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है और और यह दिसंबर 2020 तक पूरा होने की संभावना है। निफ्ट की स्थापना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में टेक्सटाइल, हैंडलूम और कॉटेज उद्योग के साथ-साथ स्थानीय क्षेत्र का विकास करना है।
हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने बताया कि निफ्ट देश भर में अपने सभी 16 परिसरों में डिजाइन, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन से संबंधित फैशन में उच्चतम मानकों के साथ विद्यार्थियों को रचनात्मक रूप से सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने बताया कि निफ्ट द्वारा डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में व्यावसायिक स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के अलावा ‘कंटीनियुईंग-एजूकेशन’ के तहत छोटी अवधि के पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ‘कंटीनियुईंग-एजूकेशन’ के सैर्टिफिकेट प्रोग्राम्स का उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्र के पेशेवरों के व्यावहारिक ज्ञान को औपचारिक तकनीकी शिक्षा के साथ संबद्घ करना है। उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों के लिए फ्लैक्सीबल शैड्यूल बनाया गया है ताकि उद्योगों की व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित किए बिना उनको सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि इंटरैक्टिव लर्निंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘कंटीनियुईंग-एजूकेशन’ प्रोग्राम्स ऐसा अनुकूल माहौल बनाते हैं जिससे थ्योरी और प्रैक्टिकल एकीकृत हो जाते हैं।
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