चंडीगढ़। हरियाणा के पंचकूला स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने
गुरुवार को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में डेरा
सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह समेत चार को आजीवन कारावास की सजा
सुनाई।
अदालत ने इस मामले में राम रहीम के साथ उसके तीन करीबी सहयोगियों कृष्ण
लाल, कुल्दीप सिंह और निर्मल सिंह को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिरसा
में एक समाचार पत्र का संपादन करने वाले छत्रपति को 24 अक्टूबर 2002 को
पांच बार गोली मारी गई थी। इसके बाद उनकी 21 नवंबर को नई दिल्ली में मौत हो
गई थी।
अदालत ने इससे पहले 25 अगस्त, 2017 को दुष्कर्म के दो मामलों में गुरमीत
राम रहीम को दोषी करार दिया था और 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई
थी।
दुष्कर्म के मामले में दी गई 20 साल की सजा पूरी होने के बाद पत्रकार हत्या मामले में दी गई आजीवन कारावास की सजा शुरू होगी।
सीबीआई अधिवक्ता एच.पी.एस. वर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि गुरुवार के आदेश के बाद राम रहीम को जीवनभर जेल में रहना होगा।
सीबीआई
अदालत ने राम रहीन और तीन अन्य को 11 जनवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा
302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दोषी माना था। अदालत का
फैसला पत्रकार की हत्या के 16 साल के बाद आया।
दिवंगत पत्रकार के
बेटे अंशुल छत्रपति ने आदेश आने के बाद संवाददाताओं से कहा कि दंड संतोषजनक
है। उसे दंड दिलाने के लिए हमें बहुत संघर्ष करना पड़ा।
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