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चंडीगढ़। हरियाणा में लाड़वा क्षेत्र के पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया और अब सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही बड़शामी को भी शिक्षक भर्ती घोटाले में दस साल की सजा सुनाई गई थी। राज्य पुलिस ने उन्हें जमीन धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर सीबीआई को गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किए थे।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के टिकट पर विधायक रहे बड़शामी पर 96 कनाल 10 मरले जमीन की बिक्री के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप है। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इकरारनामा तैयार किया गया और फिर लाखों रुपए ऐंठ लिए गए। इस मामले में बड़शामी ने अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस हिरासत के दौरान बड़शामी अपने मुंह पर कपड़ा बांधे रहे। जब उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
कुरुक्षेत्र जिले के खुर्दबन गांव के कर्मवीर ने रादौर पुलिस थाने में जमीन धोखाधड़ी मामले की शिकायत दी थी। कोर्ट के आदेश पर बड़शामी के अलावा ईश्वर सिंह और कर्म सिंह के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। रादौर थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर गुरदेव सिंह सिद्धू ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर तीन लोगों के विरूद्ध जालसाजी का मामला दर्ज किया था। मामले में नामजद पूर्व विधायक शेर सिंह बडशामी ने सरेंडर किया था। रिमांड के दौरान उनसे पुलिस दस्तावेजों के बारे में जानकारी हासिल करेंगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में 45 लाख रुपए की हेराफेरी की गई है। अभी 40 हजार रुपए की रिकवरी कर ली गई है, जबकि 44 लाख 66 हजार रुपए व दस्तावेजों की रिकवरी करनी बाकी है।
बड़शामी को मेडिकल ग्राउंड पर दिल्ली हाईकोर्ट से सशर्त अंतरिम जमानत मिली थी। दिल्ली के जीबी पंत व एलएनजेपी अस्पतालों के चिकित्सकों ने बड़शामी की मेडिकल रपट में उन्हें ब्रेन हेमरेज का खतरा बताते हुए उनकी सर्जरी को जरूरी करार दिया था। उन्हें दिल्ली व कुरुक्षेत्र से बाहर नहीं जाने की हिदायत दी गई थी। हरियाणा में विधानसभा चुनावों के दौरान किसी ने शिकायत की थी कि वे अपनी पुत्रवधु के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। उनके विरोधियों का आरोप था कि मेडिकल आधार पर जेल से छूट मिलने का गलत फायदा उठाते हुए उन्होंने चुनावों में प्रचार किया था। इसके बाद अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर गिरफ्तारी के लिए वारन जारी किए थे। बड़शामी की गिरफ्तारी के लिए सीबीआई की छह सदस्यीय टीम रादौर पुलिस स्टेशन पहुंची थी, लेकिन जमीन धोखाधड़ी मामले में पूछताछ और दस्तावेजों की बरामदगी के लिए हरियाणा पुलिस को दो दिन का रिमांड बढ़ा दिए जाने पर सीबीआई टीम को खाली हाथ ही दिल्ली लौटना पड़ा।
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