चंडीगढ़ । हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। यह सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। यही कारण है कि सरकार में शामिल मंत्रियों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मंत्रियों को गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने में दिक्कत आ रही है। यह डरी हुई सरकार है। आज सरकार के मंत्रियों की लोगों के सामने जाने की हिम्मत नहीं हो रही है। गणतंत्र दिवस पूरा देश हर्षोल्लास के साथ मनाता है। किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं, यह किसानों का अधिकार है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हिसार और भिवानी में कहीं। कुमारी सैलजा शनिवार को सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती के अवसर पर हिसार के कैंप चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंची थीं। इसके उपरांत कुमारी सैलजा हिसार के रामायण टोल प्लाजा और चरखी दादरी के कितलाना टोल प्लाजा पर कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन देने पहुंचीं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि आजादी के समय बाहरी हुकूमतों से लड़ाई लड़ी गई थी और आज के दिन किसान एक नया आंदोलन छेड़े हुए हैं। इस आंदोलन की शुरुआत भाजपा सरकार ने करवाई है। अपने हकों के लिए इस भीषण ठंड में हमारे किसान और मजदूर सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं। कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के कारण भाजपा सरकार कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्द नहीं करना चाहती है। पूंजीपतियों के हितों के आगे भाजपा सरकार को कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। यह बेहद ही दुखद है कि आज देश के अन्नदाताओं को सड़कों पर उतरकर अपने हितों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। अन्नदाताओं के इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी हुई है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ यह संघर्ष केवल किसानों का संघर्ष नहीं है। यह समस्त भारतवर्ष का संघर्ष है। क्योंकि कृषि क्षेत्र पर ही पूरी अर्थव्यवस्था निर्भर है। अगर किसान और मजदूर बर्बाद होगा तो देश की नैया कुछ पूंजीपति पार नहीं कर सकते हैं। देश की नैया केवल किसान और मजदूर ही पार कर सकते हैं। अहंकार में चूर भाजपा सरकार यह भूल गई है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार केवल बातचीत के नाम पर ढोंग कर रही है। भाजपा सरकार की मंशा शुरुआत से ही सही नहीं रही है। इस भीषण ठंड में 70 से ज्यादा किसान अपना बलिदान दे चुके हैं। लेकिन इस सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। किसानों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सरकार को किसानों की मांगें माननी ही पड़ेंगी।
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