चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि रेलवे बजट के नाम पर हरियाणा की जनता को भाजपा सरकार गुमराह करती आ रही है। एक ओर सरकार 34 स्टेशनों को अमृत स्टेशन बनाने का दावा कर रही है पर सरकार रेलवे की भूमि लीज पर देने में लगी हुई है। सरकार ने बजट में माना है कि हरियाणा में 14 में से 06 प्रोजेक्ट अभी तक शुरू ही नहीं हुए है। हिसार-सिरसा वाया अग्रोहा फतेहाबाद 93 किमी लंबी लाइन के लिए 410 करोड़ का बजट रखा है पर अभी तक इस पर कोई काम ही शुरू नहीं किया गया। सरकार को इस दशकों पुरानी लंबित मांग को जल्द से जल्द से पूरा करना चाहिए।
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मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि केंद्र सरकार ने रेल बजट के नाम पर हरियाणा की जनता के साथ एक बार फिर विश्वासघात किया है, हर बार सरकार प्रोजेक्ट लाकर आंकड़े पेश कर देती है पर उन पर कोई काम नहीं होता। प्रदेश में 14 नए ट्रैक की बात की जाती रही है। अस्थल बोहर-रेवाड़ी 75 किमी ट्रेक के लिए 752 करोड़ की कॉस्ट रखी गई थी पर इस ट्रैक की प्रोग्रेस अभी तक शून्य है। इसी प्रकार फिरोजपुर-बठिंडा-जाखल-हिसार 169 किमी ट्रेक के लिए 1688 करोड़ कॉस्ट रखी गई थी पर इसकी भी प्रोगे्रस शून्य है। दिल्ली-सोहना-नूहं-फिरोजपुर-झिरका-अलवर 104 किमी ट्रेक के लिए 2500 करोड कॉस्ट रखी गई थी पर इसकी भी प्रोगे्रस शून्य है। यमुनानगर-चंडीगढ़ वाया साढौरा-नारायणगढ़ 91 किमी ट्रैक के लिए 901 करोड़ रुपये की कॉस्ट रखी गई थी पर प्रोग्रेस वहां पर भी अभी तक शून्य है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हिसार-सिरसा वाया अग्रोहा फतेहाबाद 93 किमी लंबी लाइन के लिए 410 करोड़ रुपये की कॉस्ट रखी गई थी पर प्रोग्रेस वहां पर भी शून्य है। अग्रोहा अग्रवाल समाज का बड़ा तीर्थ स्थल है, कई दशक पहले इस ट्रैक की घोषणा की गई थी पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है जबकि इस ट्रैक की आज सबसे ज्यादा जरूरत है। उधर मेरठ-पानीपत 104 किमी ट्रेक की 2200 करोड़ रुपये कास्ट रखी गई थी इस ट्रेक पर प्रोग्रेस एक प्रतिशत ही हुई है। चंडीगढ़-बद्दी 28 किमी ट्रैक की कास्ट 1540 करोड़ रुपये रखी गई थी पर प्रोग्रेस अभी तक 27 प्रतिशत है, रेवाड़ी-खाटूवास 3.5 किमी ट्रैक के दोहरीकरण की कास्ट 66 करोड़ रखी गई थी जहां पर प्रोग्रेस 25 प्रतिशत है। इसी प्रकार भिवानी-डोभ-बहाली ट्रैक के दोहरीकरण की कास्ट 417 करोड़ रुपये रखी गई थी जहां पर प्रोग्रेस 20 प्रतिशत है। सरकार अभी तक पलवल-न्यू पृथला प्रोजेक्ट ही काम पूरा कर पाई है।
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