जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित दौरा करें अधिकारीः मुख्य सचिव
चंडीगढ़। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहाकि प्रदेश में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रग की आपूर्ति और मांग की शृंखला तोड़ने के लिए ड्रग तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार ड्रग तस्करी में शामिल आरोपियों की संपत्ति को अटैच किया जा रहा है। अब तक 41 आरोपियों की 37.29 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच किया जा चुका है। एनडीपीएस अधिनियम के तहत 77 व्यक्तियों की संपत्तियों को ध्वस्त किया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्य सचिव यहां हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी शामिल हुए।
कौशल ने कहा कि प्रदेश में प्रिस्क्रिप्शन दवाईयों की आपूर्ति और उसके उपयोग पर भी निगरानी रखी जाए। उन्होंने स्वास्थ्यं विभाग के अधिकारियों को ड्रग ओवरडोज से होने वाली मृत्यु से संबंधित विशेष मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी एक माह में तैयार करने और हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ सांझा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि एफएसएल का आधुनिकीकरण किया जाए ताकि एफएसएल में जांच प्रक्रिया में और तेजी लाई जा सके।
कौशल ने कहा कि नशे के खात्मे के लिए सबसे पहले मादक पदार्थों का सेवन करने वालों की पहचान करना आवश्यक है। ताकि उन्हें सुधार कर समाज में मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। इसलिए मादक पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए विशेष सर्वेक्षण किया जाए। इसके लिए जल्द से जल्द योजना का प्रारूप तैयार किया जाए।
प्रदेश में इस समय 90 नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। इसमें से 21 सरकारी तथा अन्य निजी संस्थाओं और एनजीओ के हैं। नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। प्राइमरी हेल्थ सेंटर और क्मयूनिटी हेल्थ सेंटर में क्षमता निर्माण हेतू भी क्लीनिकल मनोचिकित्सक सहित अन्य मैनपॉवर की नियुक्ति की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। आवश्यक दवाओं में नशा मुक्ति दवाओं को भी शामिल किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इन नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित दौरा करें। एसडीएम भी माह में एक बार निरीक्षण जरूर करें।
एडवाइजरी बोर्ड का जल्द होगा गठनः
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बताया कि पीआईटी, एनडीपीएस अधिनियम के प्रभावी उपयोग व क्रियान्वयन के लिए ब्यूरो में एडवाइजरी बोर्ड के गठन को भी जल्द मंजूरी मिल जाएगी। धाकड़ कार्यक्रम, हॉक सॉफ्टवेयर, प्रयास एप और साथी एप से संबंधित प्रशिक्षण के लिए 21 वर्कशॉप की गई। स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर धाकड़ पहल के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया।
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