चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के शहरी क्षेत्रों में समग्र एकीकृत डेयरी परिसरों के विकास के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने के लिए गठित की गई मंत्रिपरिषद की उप-समिति की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन और सहकारिता राज्य मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर इस उप-समिति के सदस्य हैं।
रिपोर्ट में एकीकृत डेयरी परिसरों के लिए तीन प्रकार की लेआउट योजनाएं शामिल हैं। इनमें डेयरी किसानों के लिए 50 एकड़ भूमि में आधुनिक समग्र एकीकृत डेयरी परिसरों के निर्माण के लिए, 25 एकड़ भूमि में आधुनिक समग्र एकीकृत डेयरी परिसरों के निर्माण के लिए लेआउट का ब्लूप्रिंट और 500 वर्ग गज पर डेयरी शेड के समान समरूप लेआउट या डिज़ाइन शामिल हैं ताकि डेयरी परिसर में डेयरी शेड का एक समान डिजाइन अपनाया जा सके।
तीनों लेआउट योजनाओं को इस तरह से तैयार किया गया है कि एकीकृत डेयरी परिसर में कम से कम 10 दुधारू पशुओं की अधिकतम संख्या की डेयरी इकाइयां हों, सांझा दुग्ध दुहन क्षेत्र, थोक दुग्ध शीतलन प्रणाली, बायोगैस संयंत्र या कचरा प्रबंधन, पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं, मवेशी फ़ीड, डेयरी यंत्र, दवाओं, दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की बिक्री के लिए वाणिज्यिक दुकान या बूथ और डेयरियों की देखभाल करने वालों के लिए आवासीय स्थल जैसे प्रावधानों के अलावा उचित वेंटिलेशन के साथ आरामदायक आधुनिक आवास प्रणाली हो।
चैनलों में जैवकचरे के निपटान या स्लरी पंपों के लिए स्वचालित कन्वेयर सिस्टम का प्रावधान भी किया गया है। डेयरी किसानों के लिए सिलेज बनाने और सूखा चारा ब्लॉक बनाने की प्रणाली का प्रावधान इस परिसर का अभिन्न अंग है। इसके अलावा, दुग्ध शीतलन प्रणाली और पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रदान की गई जगह में सूक्ष्म दूध प्रसंस्करण इकाइयों और दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना का प्रावधानों भी होगा।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाएं और दिशानिर्देश ब्लूप्रिंट या लेआउट योजना में शामिल होंगे जैसाकि शहरों में स्थित मौजूदा डेयरियों को शहरों के बाहरी इलाके में स्थानांतरित करने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए, शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहरों या कस्बों के बाहरी इलाकों में उपयुक्त भूमि की पहचान की जाएगी। यदि आवश्यकता हो, तो आसपास के या पड़ोसी गांवों में भूमि की पहचान करने की संभावनाओं का भी पता लगाया जाएगा ताकि शहरों से डेयरी को शहरों के बाहरी इलाकों में स्थानांतरित करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा ऐसी भूमि खरीदी जा सके।
नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा राज्य के सभी शहरी क्षेत्रों की विकास योजनाओं के ब्लूप्रिंट के अनुसार ऐसी संयुक्त एकीकृत डेयरी परिसरों के लिए कुछ क्षेत्र निर्धारित करने का कार्य किया जाएगा।
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