चण्डीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी राज्य कम से कम शैक्षणिक योग्यता और घर पर शौचालय होने की शर्तों को पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में अनिवार्य करने का प्रयास करें और यह महात्मा गांधी की सोच को अब तक का सबसे सुदृढ़ और भावपूर्ण राष्ट्रीय समर्थन होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री ने यह बात रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इससे भी आगे बढक़र गांधी जी की सोच को आगे बढ़ाने में भी हरियाणा की ओर से एक सुझाव है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर, 2016 में हरियाणा में एक अधिनियम द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के लिए पांच पात्रता शर्तें लगाई थी और इसका विरोध भी हुआ। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार चलते हुए चुनाव को सुप्रीम कोर्ट ने नामांकन दाखिल करने के दूसरे दिन स्थगित कर दिया। परंतु 48 दिन लगातार सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हमारी दलीलों को स्वीकार किया और पांचों शर्तों को संवैधानिक घोषित किया। अपने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने गांधी जी के स्वच्छता तथा ग्राम स्वराज प्रेम का खुलकर हवाला भी दिया।
इसका परिणाम यह है कि आज हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के विरूद्ध 42 प्रतिशत महिला पंच-सरपंच हैं और उनकी औसत आयु 35 वर्ष है। हर पंच, सरपंच, ब्लाक समिति और जिला परिषद के सभी सदस्य शिक्षित हैं।
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