चण्डीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विद्यार्थियों में सेवा की भावना जागृत करने के लिए चालू शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेजों में राष्ट्रीय सेवा स्कीम (एनएसएस) इकाइयां शुरू करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एनएसएस के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 10 स्वयंसेवकों, तीन कार्यक्रम अधिकारियों, विश्वविद्यालय से एक एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक और एक जिला स्तरीय कार्यक्रम समन्वयक (जमा दो के लिए) को राष्ट्रीय पुरस्कार की तर्ज पर राज्य पुरस्कारों से सम्मानित करने की भी घोषणा की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीएम मनोहर लाल सोमवार को यहां हरियाणा राज भवन में आयोजित एनएसएस सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब 10+2 स्तर तक छात्र स्वयंसेवकों के लिए राज्य एनएसएस शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के लिए राज्य के इंदिरा गांधी एनएसएस पुरस्कार विजेताओं और कार्यक्रम अधिकारियों को और वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के लिए गणतंत्र दिवस परेड पुरस्कार विजेताओं और कार्यक्रम अधिकारियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुल 36 इंदिरा गांधी एनएसएस पुरस्कार विजेताओं एवं गणतंत्र दिवस परेड पुरस्कार विजेता और कार्यक्रम अधिकारियों को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य के एनएसएस पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएसएस शब्द स्वयंसेवक के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक एक शब्द ही नहीं बल्कि अपने आप में एं संस्था है और अनेक ऐसे संगठन हैं जो अपने कैडेट्स को स्वयंसेवक कहते हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि वे स्वयं ही एक स्वयंसेवक के रूप में एक संगठन के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक कार्य किसी भी विचार या दूसरों से कोई उम्मीद रखे बिना किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लगभग 40 लाख स्वयंसेवक एनएसएस के माध्यम से समाज की सेवा कर रहे हैं और हरियाणा में ऐसे स्वयंसेवकों की संख्या लगभग 1.25 लाख है। उन्होंने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि आप की भावना दूसरों की सेवा करने के लिए होनी चाहिए और कईं ऐसे देश हैं जो कम आयु से युवाओं में इस भावना को जागृत करते हैं ताकि वे इसे अपने जीवन का एक भाग मान सके। इजरायल में जेरूसलेम की एम्बुलेंस सेवा का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में गैर-सरकारी संगठन ने अम्बु-बाइक के माध्यम से आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने की एक प्रणाली तैयार की है। प्रशिक्षित स्वयंसेवकों का एक समर्पित समूह इजऱाइल में रहने वाले किसी भी परेशान नागरिक को चौबीसों घंटे नवीनतम तकनीक का उपयोग करके सहायता के लिए बुलाए जाने के 90 सेकंड के भीतर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं देने के लिए तैयार रहता है।
इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हालांकि हरियाणा अपेक्षाकृत एक छोटा सा राज्य है, फिर भी यह कई क्षेत्रों में एक अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड-2018 में देश के विभिन्न भागों से 200 एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया जिनमें से 8 हरियाणा से थे। उन्होंने कहा कि 1948 में पहली बार डॉ. एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग ने सिफारिश की थी कि कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को एनएसएस के माध्यम से लोगों की सेवा के साथ जोड़ा जाए। हालांकि, एनएसएस योजना 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर शुरू की गई थी।
उन्होंने छात्रों को अपने अकादमिक कैरियर बनाने के साथ-साथ समाज की नि:स्वार्थ सेवा करने के प्रति वचनबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल अपने व्यक्तिगत विकास में बल्कि समाज के विकास के लिए भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा राज्य के सभी सरकार और सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेजों में एनएसएस इकाइयां शुरू करने की घोषणा का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठï भारत’ के विजन को साकार करने में मदद मिलेगी। एनएसएस स्वयंसेवकों से राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा एक हरियाणवी एक की भावना के साथ काम करने का भी आग्रह किया।
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