चंडीगढ़। बाबा गुरमीत राम रहीम अपने कुकर्मों के कारण भले ही जेल चला गया लेकिन उनके समर्थकों की सहानूभूति पाने के लिए भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीछे नहीं है। हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने पंचकूला की हिंसा में डेरा समर्थकों की मौत पर मुआवजा मांग कर अपनी ही सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है। उन्होंने अपनी ही सरकार से डेरा समर्थकों की मौत के लिए
मुआवजा और नौकरियां मांगी है। उनकी दलील यह है कि जब पिछले साल जाट आरक्षण
आंदोलन के दौरान हिंसा का शिकार हुए पीडि़तों को मुआवजा मिल सकता है तो वही
फार्मूला डेरा समर्थकों की मौत पर क्यों लागू नहीं हो सकता। विपक्ष के
नेता अभय चौटाला ने चुटकी ली कि डेरा प्रेमियों पर गोलियां चलाने के बाद
भाजपा सहानुभूति का ढोंग कर रही है।25
अगस्त को गुरमीत राम रहीम को साध्वियों का यौन शोषण का दोषी ठहराए जाने के
बाद पंचकूला और सिरसा में हिंसा हुई थी। उग्र भीड़ को काबू करने के लिए
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें 41 लोगों की मौत हुई। तीन दिन पहले
कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने इन लोगों के लिए मुआवजे की मांग की थी।हरियाणा
सरकार के सीनियर मंत्री अनिल विज ने कहा कि पिछले साल जाट आंदोलन हुआ।
उसमें पुलिस की गोली से जो मरे, सरकार ने उन सभी को 10 लाख मुआवजा व नौकरी
दी। उसी प्रकार अब डेरा अनुयायी मारे गए। प्रश्न यह नहीं कि कौन मारे गए।
प्रश्न यह है कि आदमी मारे गए।अनिल
विज ने कहा कि तराजू पर तोलें तो जाट आंदोलन में भी आगजनी हुई थी, पंचकूला व
सिरसा में भी आगजनी हुई है। वहां भी पुलिस की गोली से मरे थे, यहां भी
पुलिस की गोली से मरे। एक देश में दो कानून नहीं हो सकते। विज ने उम्मीद
जताई कि सरकार उनकी मांग पर विचार करेगी। पहले भी मुआवजा मिलता रहा है। यह
डेरे के प्रति उदारता नहीं है। जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज है, उन पर कार्रवाई
हो रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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