चंडीगढ़ । हरियाणा में पैट्रोल पम्प स्थलों, कम्प्रैस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) स्टेशन स्थलों के आबंटन में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने इन स्थलों का आबंटन ई-निविदा के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। इस ई-निविदा में केवल शहर के लिए प्राधिकृत ऑयल मार्केटिंग कम्पनियां, सीएनजी और पीएनजी वितरण कम्पनियां ही भाग लेने की पात्र होंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएववीपी) की 116वीं बैठक में यह जानकारी दी गई। वर्ष 2018-19 के लिए प्राधिकरण ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के 15,334 करोड़ रुपये से अधिक के बजट अनुमानों को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में बताया गया कि इन स्थलों को फिलिंग कम चार्जिंग स्टेशन के रूप में नामित किया जाएगा और भविष्य में आबंटी द्वारा इनका उपयोग सीएनजी, पैट्रोल या डीजल पम्प या वाहनों इत्यादि की बैटरी चार्जिंग स्टेशन जैसे सम्बद्घ कार्यों के लिए किया जा सकता है। आबंटी इन स्थलों का उपयोग सभी के लिए या किसी एक उद्देश्य के लिए कर सकते हैं।
यह बताया गया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने मण्डी टाउनशिप के साथ-साथ एचएसवीपी की शहरी सम्पदा के उन आबंटियों को जिन्होंने निर्माण कार्य पूरा कर लिया है, परंतु वैध ऑकुपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन नहीं किया है, को राहत प्रदान करने के लिए पोलिसी को 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया है। ऐसे आबंटी भवन निर्माण के पक्ष में पर्याप्त दस्तावेजी प्रमाण के साथ ऑकुपेशन सर्टिफिकेट जारी कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
बैठक में बताया गया कि एचएसवीपी मार्केट में एक मंजिला बूथों और सेवा बूथ पर पहली मंजिल के निर्माण की अनुमति दी गई है। एक मंजिला दुकानों की पहली मंजिल का उपयोग केवल भण्डार के लिए किया जाएगा तथा यह योजना आर्किटेक्चरल कंट्रोल में आने वाले 2.75 मीटर × 8.25 मीटर और इससे अधिक आकार की सभी आबंटित एक मंजिला दुकानों के लिए लागू होगी।
यह भी बताया गया कि प्रदेश की विभिन्न शहरी सम्पदाओं में किसी कारणवश खाली रहे स्थानों को सम्बन्धित सैक्टरों में कोर्नर के आबंटियों को उनके अनुरोध पर वर्तमान आरक्षित मूल्य के 50 प्रतिशत मूल्य पर आबंटित करने पर विचार किया जाएगा। ऐसे स्थलों को आबंटित करने के लिए मुख्य प्रशासक, एचएसवीपी सक्षम प्राधिकारी होेगा और इन खुले स्थलों का उपयोग लॉन, किचन और गार्डन जैसे कार्यों के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आबंटी को प्रवेश के लिए गेट के साथ चारदीवारी चार फुट से अधिक ऊंची बनाने की अनुमति नहीं होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी ऊमाशंकर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव ए के सिंह, एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक जे गणेशन, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के निदेशक के एम पांडुरंग और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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