चंडीगढ़। हरियाणा के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारतीय अर्थ-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और करों के सरलीकरण का देश की आजादी के बाद लिया गया केन्द्र सरकार का एक एतिहासिक निर्णय साबित हुआ है तथा इसके लागू होने के दो वर्ष उपरान्त हरियाणा में 55,231 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जबकि पूरे देश के राज्यों में 11,77,370 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीएसटी क्रियान्वयन के दो वर्ष पूरे होने उपरान्त इस बारे में आज यहां जानकारी देते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि हरियाणा में मूल्य संवर्धन कर तथा केन्द्रीय बिक्री कर के तहत वर्तमान में 2.25 लाख करदाताओं की वर्तमान संख्या के अतिरिक्त जीएसटी के तहत दो लाख नए करदाताओं ने पंजीकरण करवाया है। इस प्रकार, इसके तहत करदाताओं की संख्या 4.25 लाख से अधिक हो गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की सफलता के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी व कर्मचारी बधाई के पात्र है, जिन्होंने जीएसटी करदाताओं के साथ सभी पणधारकों के लिए समय-समय पर कार्यशालाओं, सेमिनारों, सम्मेलनों तथा सीधा संवाद कार्यक्रमों का आयोजन कर इस लक्ष्य को प्राप्त किया और करदाताओं की संख्या का दायरा बढ़ाकर देश के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। देश की जनसंख्या का 2.5 प्रतिशत से कम प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भी हरियाणा में प्रति व्यक्ति वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण राष्ट्रीय औसत से लगभग अढ़ाई गुणा ज्यादा है। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति जीएसटी का राष्टï्रीय औसत संग्रहण 9370.33 रुपये है जबकि हरियाणा में यह 21,744.49 रुपये है।
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