चण्डीगढ़ । हरियाणा विधानसभा में सोमवार को हरियाणा मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2018, हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018, हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2018, हरियाणा नैदानिक स्थापन (पंजीकरण और विनियमन) अंगीकरण विधेयक, 2018, हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियम (संशोधन) विधेयक, 2018, मोटर यान हरियाणा (संशोधन) विधेयक, 2018 और हरियाणा सिविल सेवाएं (कार्यकारी शाखा) व समवर्गी सेवाएं तथा अन्य सेवाएं सामूहिक/संयुक्त परीक्षा (संशोधन) विधेयक, 2018 सहित सात विधेयक पारित किए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हरियाणा मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2016 के तहत परिवर्तित ब्याज दर को तर्कसंगत बनाने और उसे डेढ प्रतिशत प्रतिमाह से कम करके एक प्रतिशत प्रतिमाह करने यानि 12 प्रतिशत वार्षिक करने के लिए हरियाणा मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित किया गया है। यह अधिनियम सरकार को कर देयता में छूट देने और अत्यधिक अदा किए गये कर या जुर्माने की राशि रिफण्ड करने के लिए सशक्त करेगा।
हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018 को राज्य के युवाओं को उच्चतर शिक्षा में बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों की संरचना और विस्तार की आवश्यकता के उद्देश्य से आईआईएलएम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम स्थापित करने के लिए पारित किया गया।
हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2018 वित्त वर्ष के खर्च के लिए विधानसभा द्वारा किए गये अनुपूरक अनुदानों को पूरा करने के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से अपेक्षित राशियों के विनियोग हेतु उपबंध करने के लिए पारित किया गया है।
हरियाणा नैदानिक स्थापन (पंजीकरण और विनियमन) अंगीकरण विधेयक, 2018 सभी 50 से अधिक बिस्तरों वाले नैदानिक संस्थानों में लागू होगा। इस अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 47 के जनादेश के अनुसार गुणवत्तापरक देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए पारित किया गया है, इसलिए न्यूनतम मानक सुविधाओं और प्रदेश में नैदानिक संस्थानों के पंजीकरण और विनियमन के निर्धारण के लिए इस अधिनियम की आवश्यकता है।
हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियम (संशोधन) विधेयक, 2018 को निम्र बोली या नीलामी प्रक्रिया के बाद निर्दिष्ट श्रेणी के लाइसेंस प्रदान करने की अनुमति देने के लिए पारित किया गया।
मोटर यान हरियाणा (संशोधन) विधेयक, 2018 को पारित किया गया है, जिसके लिए उपधारा 103 (1-क) जोड़ी जानी जरूरी है कि राज्य परिवहन उपक्रमों द्वारा किसी भी वाहन को जिसको कि उक्त वाहन के मालिक द्वारा उपक्रम के साथ हुए किसी भी प्रकार के प्रबन्ध के तहत उपक्रम के उपयोग के लिए उपक्रम के नियंत्रण में दिया गया हो, को उपधारा-1 के तहत जारी परमिट के तहत स्टेज कैरिज के रूप में किसी भी रूट पर चलाया जा सकता है।
हरियाणा सिविल सेवाएं (कार्यकारी शाखा) व समवर्गी सेवाएं तथा अन्य सेवाएं सामूहिक/संयुक्त परीक्षा (संशोधन) विधेयक, 2018 को पारित किया गया है ताकि इसमें हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) और सम्बद्ध सेवाओं के परिशिष्ट ए में नायब तहसीलदार के पद और अन्य सेवाएं सांझा/ संयुक्त परीक्षा अधिनियम, 2002 को शामिल किया जा सके।
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