चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजसत्ता और
धर्मसत्ता का उद्देश्य मानव मात्र का उत्थान करना है और दोनो क्षेत्र
अपने-अपने तरीके से इस कार्य में सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार
द्वारा लोगों को जन सुविधाएं प्रदान करने के लिए विकास योजनाओं का
क्रियान्वयन किया जा रहा है और संतो व ऋषियों द्वारा व्यक्ति के मानसिक
स्तर का विकास किया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री
अम्बाला शहर में श्रीमद्भगवद कथा समिति एवं सत्य धाम अम्बाला शहर द्वारा
आयोजित श्रीमद्भागवद कथा सप्ताह के कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को
सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवद कथा सप्ताह के समापन पर 5
मई को होने वाले सामुहिक विवाह कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा सभी
कन्याओं को मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51-51 हजार रुपये की
कन्यादान राशि देने की घोषणा की।
उन्होंने
कहा कि आदर्श समाज व राष्ट्र की स्थापना के लिए केवल भौतिक विकास पर्याप्त
नहीं है बल्कि नागरिकों का नैतिक विकास भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि
व्यवस्था के मुताबिक भौतिक विकास की जिम्मेदारी राजसत्ता की है जबकि मानसिक
व नैतिक विकास धर्मसत्ता के माध्यम से संभव है।
उन्होंने
कहा कि नैतिक शिक्षा और अध्यात्मिकता के क्षेत्र में भारत ने आदिकाल से ही
विश्वगुरू की भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी के प्रयासों तथा देश के संतो और महापुरूषों के सहयोग से योग
सहित अन्य क्षेत्रों में भारत विश्व गुरू की भूमिका के लिए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि राजसत्ता के माध्यम से विभिन्न शिक्षण संस्थान स्थापित
करके व्यक्ति को शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, ज्ञान और विज्ञान की जानकारी तो दी
जा सकती है लेकिन मानसिक आनन्द और नैतिकता के विकास के लिए अध्यात्मिक
ज्ञान जरूरी है।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के निर्देश पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ
अभियान के तहत हरियाणा में महिला-पुरूष अनुपात में सुधार लाने में सफलता
हासिल की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व हरियाणा में 1000
पुरूषों के पीछे 850 महिलाएं थी और अब यह आकंडा बढक़र 914 पहुंच चुका है।
उन्होने कहा कि पिछले तीन वर्षों में चलाये गये इस अभियान से सरकार,
सामाजिक संस्थाओं तथा संतो-महापुरूषों के प्रचार से गर्भ में मरने वाली
30000 कन्याओं को बचाने के सफलता मिली है।
स्वामी
सत्याआत्मानंद ने इस अवसर पर कहा कि श्रीमदभागवद कथा के सुनने मात्र से ही
व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा
कि मुख्यमंत्री एक राजनेता की बजाए एक जनसेवक के रूप में जनता की सेवा के
लिए समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास के
साथ-साथ समाजसेवा, सामाजिक बुराईयों को समाप्त करने तथा व्यवस्था परिवर्तन
में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होने बताया कि 27 अप्रैल से आरम्भ की
गई यह कथा 5 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जन्म दिवस के दिन सम्पन्न
होगी और समापन अवसर पर 21 गरीब कन्याओं की शादी करवाई जायेगी। उन्होंने
बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से वे वर्ष 1992 से लेकर अब तक
650 से अधिक कन्याओं को शादी करवा चुके हैं।
इस
अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी, सांसद रत्नलाल
कटारिया, विधायक असीम गोयल, संतोष चौहान सारवान, उपायुक्त शरणदीप कौर बराड, पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल, अतिरिक्त कैप्टन शक्ति
सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष जगमोहन लाल कुमार, प्रदेश प्रवक्ता संजय
शर्मा, संदीप सचदेवा, अनुभव अग्रवाल, मदन लाल अग्रवाल, विनोद गुप्ता, अनिल
गोयल, प्रदीप मित्तल, संजय गुप्ता, विनोद बंसल, जय गोपाल, केवल कृष्ण, सुरज
भान, प्रिंसीपल डा० विवेक कोहली, किरण आंगरा, मनदीप राणा, रितेश
गोयल, हितेष जैन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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