चंडीगढ़। हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत वर्ष 2018-19 में 1.15 लाख
युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। यह
जानकारी एक सरकारी प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान
कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 657.94 करोड़ रुपये बजट का
प्रावधान कियागया है, जोकि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 43.43 प्रतिशत
अधिक है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने
बताया कि वर्ष 2018-19 में गांव जाखल (फतेहाबाद), सिकरोना (फरीदाबाद),
बराना (पानीपत), इंद्री (करनाल), सहलांग (महेंद्रगढ़), सतनाली
(महेंद्रगढ़), मुसेदपुर (गुरुग्राम), हसनपुर (अंबाला), नहोनी (अंबाला), राई
(सोनीपत), नचरों (यमुनानगर), महाराजा जस्सा सिंह सफीदों (जीन्द), अलिका
(सिरसा), खिजराबाद (यमुनानगर), जाखंदादी (फतेहाबाद), खेवड़ा (सोनीपत), जीवन
नगर (सिरसा), सिसाय (हिसार), दारसुलकलां (फतेहाबाद) और जुआं (सोनीपत) में
20 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए सरकार का
प्रस्ताव है।
इसके अतिरिक्त, 22
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों नामत: अंबाला शहर, भिवानी, खुद्दान,
कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, नूह, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, सिरसा,
सोनीपत, टोहाना, यमुनानगर, चरखी दादरी (महिला), फरीदाबाद (महिला),
गुरुग्राम (महिला) हिसार (महिला), जींद (महिला), पुंडरी (महिला), करनाल
(महिला) और रोहतक (महिला) को आदर्श आईटीआई में अपग्रेड करने का भी प्रस्ताव
है। उन्होंने बताया कि पलवल के दुधोला में विश्वकर्मा कौशल विकास
विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। बहरहाल, गुरुग्राम में अस्थायी
परिसर से इसका संचालन शुुरू हो चुका है।
उन्होंने
बताया कि राज्य सरकार सक्षम युवा योजना के तहत सहायता के साथ बेरोजगारों
तक पहुंची है। हरियाणा शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए हर महीने 100 घंटें
का वैतनिक कार्य सुनिश्चित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस
योजना के तहत, पात्र स्नातकोत्तर और स्नातक उम्मीदवारों को 100 घंटे के
कार्य के लिए 6,000 रुपये का मानदेय और स्नातकोत्तर उम्मीदवार को बेरोजगारी
भत्ता के रूप में 3,000 रुपये और स्नातक उम्मीदवार को 1,500 रुपये वितरित
किए जा रहे हैं। प्रवक्ता
ने बताया कि कि हरियाणा राज्य ने हाल ही में प्रति लाख पर प्रशिक्षुओं का
सबसे अधिक नामांकन करने के लिए भारत सरकार से सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में
‘चैम्पियन ऑफ चेंज’ की उपाधि हासिल की है। कौशल विकास एवं औद्योगिक
प्रशिक्षण विभाग में एक समर्पित प्रशिक्षुता प्रोत्साहन प्रकोष्ठ की
स्थापना, सभी जिलों में जिला प्रशिक्षुता समितियों के गठन और सभी हितधारकों
के साथ नियमित कार्यशालाएं आयोजित किए जाने से यह संभव हुआ है। उन्होंने
बताया कि राज्य में जून, 2018 तक सरकारी व अर्ध सरकारी प्रतिष्ठानों में
लगभग 15 हजार प्रशिक्षुओं को काम प्रदान कर दिया जाएगा।
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