चंडीगढ़। हरियाणा में करीब 300 करोड़ रुपये के चावल घोटाले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। ए इससे चावल मिल मालिकों में हड़कंप मच गया है। सरकार ने घोटाला करने वाले राइस मिलर्स पर शिकंजा और कस दिया है। चावल लौटाने मेें आनाकानी कर रहे 94 राइस मिलर्स पर एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब पुलिस को सभी के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रिकवरी के लिए प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब राइस मिलर्स की गिरफ्तारी का दौर भी शुरू होगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राईस मिलर्स पर कार्रवाई के साथ-साथ संबन्धित निरीक्षक, उपनिरीक्षक, सहायक खाद्य व पूर्ति अधिकारी को नियम 7 के तहत आरोपित करने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि राईस मिलर्स द्वारा भारतीय खाद्य निगम को वर्ष 2013-14 में खरीफ फसल का 47352 टन चावल की डिलीवरी बकाया थी, जो लगातार घट कर वर्ष 2014-15 में 21483 टन, वर्ष 2015-16 में 23487 टन व वर्ष 2016-17 में 1736 टन रह गयी है।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने चावल मिलर्स से रिकवरी के लिए विशेष अभियान चलाया है, जिसके फलस्वरूप हरियाणा सरकार द्वारा गत 2 वर्षों के दौरान करीब 99 प्रतिशत सीएमआर की वसूली हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य के दो राइस मिलर्स से वर्ष 2013-14 तथा वर्ष 2015-16 की बकाया सीएमआर के तौर पर करीब 11 करोड़ रुपये की राशि वसूली है। इसके अलावा उपायुक्त कुरुक्षेत्र द्वारा जिले के 3 अन्य राइस मिलर्स की प्रोपर्टी संलग्न करने के आदेश दिए गये है। इसकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है।
कांबोज ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए न्युनतम समर्थन मूल्य पर बेचे गये धान /गेहूं / बाजरे की समस्त अदायगी किसानों की इच्छानुसार उनके खातों में भेजने की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि हमने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल फसलों की खरीद की मात्रा में बढ़ोतरी की है बल्कि उनके दामों को भी बढ़ाया है।
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