निशा शर्मा ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चंडीगढ़। जान बचाने वाले धर्म नहीं देखते, इन्सानियत को धर्म से बढ़कर देखने वालों की कमी नहीं है। यही वजह है कि हिन्दू ने मुस्लिम और मुस्लिम ने हिन्दू को किडनी देकर दो घरों को रोशन कर रखा है। इनमें एक परिवार कश्मीर और दूसरा परिवार हरियाणा का है। दो जान बचाने के लिए इन दोनों परिवारों ने समाज के सामने मिसाल पेश की है।
कश्मीर से मुस्लिम युवती इफरा अपनी मां जुबेदा की किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए चंडीगढ़ आई थी, लेकिन डॉक्टरों ने ब्लड सैंपल नहीं मिलने पर इसके लिए इनकार कर दिया। इसी दौरान उसकी हरियाणा की गीता नाम की एक महिला से मुलाक़ात हुई। गीता के पति अजय को भी अपनी जान बचाने के लिए किडनी की जरूरत थी, लेकिन अपनी पत्नी से उसका ब्लड सैंपल नहीं मिल रहा था।
आपसी बातचीत के बाद दोनों परिवार डॉक्टर के पास गए। संयोग से अजय और इफरा का ब्लड सैंपल मैच कर गया। दूसरी तरफ गीता और जुबेदा का ब्लड सैंपल भी मिल गया। अपनी मां जुबेदा को बचाने के लिए 20 साल की इफरा ने यमुनानगर के अजय को अपनी किडनी दे दी, जबकि गीता ने अपने पति अजय को बचाने के लिए अपनी किडनी इफरा की मां जुबेदा को दे दी।
डॉ. नीरज गोयल के मुताबिक दोनों परिवार किडनी एक्सचेंज के लिए तैयार थे। उनकी किडनी ट्रांसप्लांट के लिए फिट थीं। मेडिकल और कानूनी रूप से भी यह सही विकल्प था। दोनों की किडनी संबंधित डोनर से पूरी तरह मैच कर रही थी। ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट से दोनों की जान बच गई।
कैटवॉक करते रैम्प पर गिरी मॉडल, वीडियो वायरल
शख्स ने की बहू से शादी
इमारत गिरने के दौरान 'डोरेमोन' पाठ ने इस लड़के को बचाया
Daily Horoscope