भारत में डिजिटल क्रांति के बाद से मोबाइल और इंटरनेट ने जिस तरह लोगों के जीवन को प्रभावित किया है, उसमें ऑनलाइन गेमिंग का संसार सबसे अधिक आकर्षक और विवादित रहा है। स्मार्टफोन की बढ़ती पहुँच, तेज़ इंटरनेट और युवाओं के बीच डिजिटल प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता ने इस क्षेत्र को तेजी से विस्तार दिया है। लेकिन जहाँ एक ओर ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित खेलों ने भारत को विश्व मानचित्र पर जगह दिलाई है, वहीं दूसरी ओर पैसे के दाँव पर खेले जाने वाले खेल, बेटिंग ऐप्स और जुए जैसी प्रवृत्तियों ने समाज और सरकार दोनों को चिंतित किया है। इसी पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दी है।
यह बिल न केवल आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि भविष्य में भारत की डिजिटल नीति की दिशा भी तय करेगा।
यह बिल स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी वास्तविक धन पर आधारित गेमिंग या ऑनलाइन सट्टेबाज़ी प्रतिबंधित होगी। इसके साथ ही ऐसे खेलों के विज्ञापन, प्रचार और वित्तीय लेन-देन पर भी रोक लगाने का प्रावधान है। इसका सीधा मतलब है कि बैंक और वित्तीय संस्थान किसी भी रूप में ऐसे खेलों से जुड़े लेन-देन को प्रोसेस नहीं करेंगे। इस प्रावधान से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पैसे के लालच में जुए जैसी प्रवृत्तियाँ समाज में न फैलें।
परंतु इस बिल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ई-स्पोर्ट्स और कौशल-आधारित गैर-आर्थिक गेमिंग को बढ़ावा देता है।
सरकार ने साफ किया है कि उसे खेल के रूप में ई-स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित करना है। आने वाले समय में "नेशनल ई-स्पोर्ट्स अथॉरिटी" जैसी संस्था की स्थापना की जा सकती है, जो ई-स्पोर्ट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधि बनाने की दिशा में काम करेगी। यह कदम न केवल डिजिटल खेलों को वैधता देगा बल्कि उन लाखों युवाओं को भी अवसर देगा जो गेमिंग को कैरियर बनाना चाहते हैं।
इस बिल का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को केंद्रीय नियामक की भूमिका सौंपी गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्रालय को यह अधिकार होगा कि वह गैर-पंजीकृत या अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर सके। यह व्यवस्था उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों से बचाने के उद्देश्य से की गई है। भारत में अब तक ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नियम अलग-अलग राज्यों में अलग थे। कहीं इसे वैध माना गया तो कहीं प्रतिबंधित। ऐसे में एक राष्ट्रीय स्तर की रूपरेखा बनाना समय की मांग थी।
यह बिल केवल नियम-कानून का दस्तावेज़ नहीं है बल्कि इसके पीछे गहरे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी हैं। पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि ऑनलाइन बेटिंग और वास्तविक धन से जुड़े खेलों की लत ने कई युवाओं की ज़िंदगियाँ बर्बाद कर दी हैं। कई मामलों में लोगों ने कर्ज़ लेकर खेला और परिवार तबाह हो गए।
बच्चों में भी मोबाइल गेम्स की लत मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही है। सरकार को यह भी एहसास है कि इस समस्या को रोकना उतना ही ज़रूरी है जितना मादक पदार्थों की लत को रोकना। कई विशेषज्ञों ने तो इसे नशे से भी खतरनाक बताया है क्योंकि यह बिना किसी भौतिक पदार्थ के सीधे दिमाग़ पर नियंत्रण कर लेती है।
हालाँकि उद्योग जगत का पक्ष बिल्कुल अलग है। गेमिंग इंडस्ट्री का कहना है कि इस बिल से लगभग दो लाख नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है और सरकार को हर साल मिलने वाले बीस हज़ार करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व पर भी असर पड़ सकता है।
"ड्रीम11", "गेम्स24x7", "विन्ज़ो" जैसी कंपनियाँ लंबे समय से करोड़ों रुपये का कारोबार कर रही हैं। उनका कहना है कि यदि घरेलू प्लेटफॉर्म को पूरी तरह रोक दिया गया तो उपयोगकर्ता विदेशी और ऑफशोर प्लेटफॉर्म की ओर रुख करेंगे, जहाँ न तो सरकार का कोई नियंत्रण होगा और न ही उपभोक्ताओं की सुरक्षा। इससे उल्टा नुकसान ही होगा।
इस बहस में दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलीलें हैं। सरकार का तर्क है कि समाज को जुए और नशे की लत से बचाना ज़रूरी है, वहीं उद्योग जगत मानता है कि यह क्षेत्र देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है और इसे खत्म करना युवाओं के रोजगार और नवाचार दोनों के लिए नुकसानदायक होगा। असली चुनौती यही है कि सही संतुलन कैसे कायम किया जाए।
बिल के समर्थकों का कहना है कि इस कदम से न केवल सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि युवाओं की ऊर्जा सही दिशा में लगेगी। ई-स्पोर्ट्स को प्रोत्साहन देकर भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत सकता है, जैसा कि हमने बैडमिंटन, कुश्ती या क्रिकेट में देखा है। इसके अलावा गैर-आर्थिक गेम्स को बढ़ावा देने से बच्चों का मनोरंजन भी सुरक्षित दायरे में रहेगा।
दूसरी ओर आलोचकों का मानना है कि सरकार को "पूर्ण प्रतिबंध" की बजाय "कड़े नियमन" का रास्ता चुनना चाहिए था। यदि धन-आधारित गेमिंग को लाइसेंस प्रणाली और कड़े कराधान के तहत नियंत्रित किया जाता तो न केवल सरकार को राजस्व मिलता बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा भी बनी रहती।
पूरी तरह प्रतिबंध लगाने से समस्या यह है कि लोग भूमिगत या विदेशी प्लेटफॉर्म की ओर भागेंगे और सरकार का नियंत्रण और भी कमजोर हो जाएगा।
यह बहस केवल भारत तक सीमित नहीं है। विश्व के कई देशों में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। अमेरिका और यूरोप के कई हिस्सों में इसे सख्त नियमों और टैक्स प्रणाली के तहत वैध किया गया है। वहीं चीन जैसे देशों ने बच्चों के लिए गेमिंग के समय पर ही पाबंदी लगा दी है। भारत ने अब तक इस दिशा में कोई स्पष्ट राष्ट्रीय नीति नहीं बनाई थी, यही कारण है कि राज्यों के स्तर पर भ्रम और असमानता बनी रही।
अब सवाल यह उठता है कि आगे क्या होगा? यह बिल लोकसभा में पेश किया जाएगा और संभव है कि इसमें संशोधन हों। उद्योग जगत की चिंताओं को देखते हुए सरकार कुछ नरमी दिखा सकती है। उदाहरण के लिए "फैंटेसी स्पोर्ट्स" को कौशल-आधारित खेल मानकर सीमित अनुमति दी जा सकती है। इसी तरह कराधान और नियमन के ज़रिए सरकार और उद्योग के बीच समझौता हो सकता है।
परंतु एक बात तय है कि यह बिल भारत की डिजिटल यात्रा का अहम पड़ाव है। यह देश को यह सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीक और समाज का संतुलन कैसे बनाया जाए। तकनीक अपने आप में न अच्छी है न बुरी, उसका इस्तेमाल उसे अच्छा या बुरा बनाता है।
यदि ऑनलाइन गेमिंग युवाओं को कैरियर, रोजगार और अंतरराष्ट्रीय पहचान दे सकती है तो यह सकारात्मक है। लेकिन यदि वही गेमिंग परिवारों को तोड़ दे, युवाओं को कर्ज़ में डुबो दे और अपराध को बढ़ावा दे, तो यह खतरनाक है।
इसलिए ज़रूरी है कि सरकार, उद्योग, समाज और परिवार – सभी मिलकर समाधान निकालें। अभिभावकों को बच्चों पर नज़र रखनी होगी, शिक्षा संस्थानों को डिजिटल साक्षरता सिखानी होगी, उद्योग जगत को आत्मनियंत्रण और पारदर्शिता अपनानी होगी और सरकार को नियमन और प्रोत्साहन के बीच संतुलन बनाना होगा।
ऑनलाइन गेमिंग बिल केवल एक कानून नहीं है, यह हमारे समाज के भविष्य की रूपरेखा है।
यह हमें यह सोचने पर विवश करता है कि क्या हम डिजिटल क्रांति को सिर्फ मनोरंजन और जुए का साधन बनने देंगे या इसे शिक्षा, रोजगार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का अवसर बनाएँगे। आने वाले वर्षों में यह बिल किस रूप में लागू होगा और समाज पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि यह बहस भारत के हर घर तक पहुँचेगी, क्योंकि मोबाइल और इंटरनेट अब हर जेब में है और गेमिंग हर उम्र की पसंद।
एक्ट्रेस कामिनी कौशल का 98 साल की उम्र में निधन, पहली फिल्म को मिली थी अंतरराष्ट्रीय पहचान
अभिनेत्री अदाह शर्मा ने बताया कि उन्हें कौन हैंडसम लगता है..यहां पढ़ें
धर्मेंद्र की निजता भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग, आईएफएटीडीए ने की पुलिस में शिकायत
राशिफल 13 नवंबर 2025: इन तीन राशि वालों के लिए कार्यक्षेत्र में शुभ समाचार की संभावना, जानें सभी राशियों का हाल
'मस्ती 4' का ग्लैमरस और हाई एनर्जेटिक गाना ‘वन इन करोड़’ हुआ रिलीज़
राशिफल 12 नवंबर 2025: मिथुन, सिंह और तुला राशि वालों की पूरी होंगी इच्छाएं, जानिए बाकी राशियों का हाल
यामाहा ने पेश किया नया EC-06 इलेक्ट्रिक स्कूटर, बेंगलुरु की रिवर इंडी प्लेटफॉर्म पर आधारित
धर्मेंद्र ने दिया जीवन बदल देने वाला आशीर्वाद और सलाह- “अपना अहंकार कुचल दो”
इधर चला मैं उधर चला गाने पर प्रीति जिंटा की तरह त्रिशाकर ने दिए शानदार एक्सप्रेशन
राशिफल 14 नवंबर 2025: कैसा रहेगा आपका आज का दिन, जानिए सभी 12 राशियों का विस्तृत दैनिक फल
किस किसको प्यार करूं 2 का पहला धमाका, हनी सिंह और कपिल शर्मा की फुर्र आउट
सर्दी-जुकाम के साथ-साथ चेहरे पर ब्यूटी क्रीम की तरह काम करती है भाप, जानें अनगिनत फायदे
मस्ती 4 से जारी हुआ लव वीज़ा डायलॉग प्रोमो
'त्रिदोषहर' है शहद, सही सेवन विधि बढ़ा सकती है इसके औधषीय गुण
ठंड में बढ़ता है निमोनिया का खतरा, ये योगासन और प्राणायाम बनाएंगे फेफड़ों को मजबूत
एयरपोर्ट टैक्सी बुकिंग: बेंगलुरु एयरपोर्ट से सस्ती
और सुविधाजनक कैब सेवाएँ
रिलीज हुआ रानी चटर्जी की लेटेस्ट फिल्म 'हम हई जेठानी' का ट्रेलर, दिखा पारिवारिक संपत्ति का विवाद
10 साल बाद साथ लौटे हनी सिंह और पारुल गुलाटी, एक्ट्रेस बोलीं- 'उनमें पहले जैसी एनर्जी'
लालू यादव की बेटी रोहिणी का राजनीति से संन्यास, परिवार से दूरी बनाने का भी ऐलान

दृष्टिबाधित महिला टी20 विश्व कप: भारतीय टीम ने अमेरिका को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई

दिल्ली विस्फोट के बाद मीर बलूच बोले, पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे भारत
आज का राशिफल: शनिवार का दिन बदल देगा कई राशियों का रुख, धनु को बड़ा लाभ और मेष-कर्क को नए शुभ संकेत
'मस्ती 4' का ग्लैमरस और हाई एनर्जेटिक गाना ‘वन इन करोड़’ हुआ रिलीज़
सर्दियों में मिलने वाली ये सब्जी है सुपरफूड, दिल से लेकर स्किन संबंधी समस्याओं से दिलाएगी निजात
अक्षरा सिंह ने दिखाई नए गाने 'हमार तिरछी नजर' की झलक, रिलीज डेट से उठाया पर्दा
शाहरुख खान की फिल्म 'जब तक है जान' ने पूरे किए 13 साल
अजय देवगन की फिल्म 'दे दे प्यार दे 2' का नया गाना 'आखिरी सलाम' रिलीज
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल : बेस्ट एक्ट्रेस के लिए शुभांगी दत्ता नॉमिनेट, अनुपम खेर ने दी बधाई
नेचुरोपैथी: कोल्ड हिप बाथ का आसान उपाय, हमेशा आंतों को रखे स्वस्थ
सपना चौधरी का नया जलवा देखकर फैन्स बोले – “ये तो बिल्कुल नई सपना लग रही है!
गेहूं-बेसन से बनाएं हेल्दी और टेस्टी वेजिटेबल चिला, ये है विधि
लिवर को डिटॉक्स कर फिट और फाइन रखते हैं ये पांच योगासन
सर्दी-खांसी और गले में खराश से परेशान? ये छोटे-छोटे उपाय देंगे बड़ी राहत
पनीर डोडी : औषधीय जड़ी-बूटियों का पावरहाउस, जानिए कैसे करती है काम
शरीर को डिटॉक्स कर स्वस्थ बनाने में बेहद मददगार है कच्ची हल्दी
'डायबेसिटी' 21वीं सदी की बीमारी, जिससे नहीं संभले तो जीवन पर पड़ेगी भारी
जिम में वरुण धवन और विक्की कौशल की मस्ती, 'पंजाबी मुंडों' ने दिखाया अपना स्वैग
पेट की चर्बी घटाने में कारगर हैं ये 3 योगासन, घर बैठे आसान तरीके से पाएं फ्लैट टमी
पश्चिम बंगाल में मां के 12 चमत्कारी धाम, जहां हर कण में शक्ति का वास
धीरे-धीरे कम होंगे डार्क सर्कल्स, अपनाएं ये दो मिनट की असरदार फेस एक्सरसाइज
सूर्य नमस्कार से लेकर वज्रासन तक, ये आसान योगासन बनाएंगे आपकी सेहत
सर्दियों में जोड़ों की अकड़न से राहत दिलाएंगे ये 3 असरदार योगासन
नाश्ते के लिए बेस्ट है दलिया, पूरे शरीर को देगा एनर्जी का फुल डोज
मौसम के हिसाब से शरीर की सफाई जरूरी, आयुष मंत्रालय ने बताया आयुर्वेदिक तरीका
30 की उम्र के बाद खुद को रखना है फिट, तो जरूर करें ये 5 योगासन
केला ही नहीं, ये चीजें भी हैं पोटैशियम के पावरहाउस, डाइट में जरूर करें शामिल
बालों के झड़ने की समस्या से हैं परेशान, ये आयुर्वेदिक उपाय आएंगे काम
तनाव, नींद और ब्लड प्रेशर से राहत पाने का प्राकृतिक तरीका 'ध्यान', आयुष मंत्रालय ने बताए फायदे
वजन घटाने वाली दवाएं अब सिर्फ मोटापा ही नहीं, दिल की बीमारी से भी बचा सकती हैं: शोध
अचानक बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर, आयुर्वेद में लिखे हैं 'साइलेंट किलर' से बचने के उपाय
जोड़ों में दर्द के कारण उठना-बैठना भी हो गया है मुश्किल? आजमाएं आयुर्वेदिक इलाज
खाने के बाद करें ये तीन योगासन, नींद और पाचन दोनों में होगा सुधार
केले में है गुण भरपूर, जानें इसके चौंकाने वाले फायदे
पेट दर्द, गैस या अपच, हर समस्या सिर्फ एक चम्मच अजवाइन से होगी खत्म
मोटापे का फेफड़ों पर पड़ता है असर, वो समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं: अध्ययन
सर्दी-जुकाम के साथ-साथ चेहरे पर ब्यूटी क्रीम की तरह काम करती है भाप, जानें अनगिनत फायदे
सर्दियों में बाल झड़ने से हैं परेशान तो इसे रोकने के लिए आयुर्वेद में हैं प्रभावी तरीके
विश्व मधुमेह दिवस: क्या है डायबिटीज, क्यों युवाओं में बढ़ रहे इसके मामले
सर्दी-जुकाम से लेकर त्वचा की देखभाल तक, हर दिन क्यों जरूरी है विटामिन सी
'त्रिदोषहर' है शहद, सही सेवन विधि बढ़ा सकती है इसके औधषीय गुण
ठंड में बढ़ता है निमोनिया का खतरा, ये योगासन और प्राणायाम बनाएंगे फेफड़ों को मजबूत
देखें आज 15/11/2025 का राशिफल
Romantic things you should do during your honeymoon
Rishabh Pant to donate match fee towards rescue operations in Uttarakhand
Telegram becomes most downloaded app on Google Play Store
WhatsApp working on new mention badge features for group chatsDaily Horoscope