नई दिल्ली। वैष्णो देवी मंदिर में हुए हादसे के बाद नए साल के पहले दिन हरियाणा के भिवानी में भी हुए हादसे को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसके लिये पूर्णतौर पर खट्टर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए न्यायिक जांच कराने की मांग की है। गौरतलब है कि भिवानी में भूस्खलन से 8 से 10 गाड़ियां दब गईं। जिसमें 15 से 20 लोगों के दबने की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल तीन लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो लोगों मौत की पुष्टि हो चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह हादसा भिवानी स्थित डाडम खनन क्षेत्र में हुआ। यहां अचानक से पहाड़ दरक गया, पहाड़ दरकने की वजह का पता नहीं चला है। दूसरी तरफ, जिला प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार ये हादसा तब हुआ, जब मजदूर एक जगह से दूसरी जगह जा रहे थे। इसी बीच उनकी गाड़ियां दब गईं।
इस हादसे को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को कहा, आज डाडम-भिवानी क्षेत्र में हुए हादसे में कई मजदूरों की मृत्यु, कईयों के दबे होने और घायल होने की खबर दुखद है। मृतकों को श्रद्धांजलि व घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अरावली पहाड़ को खत्म न करने के सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बावजूद खनन कैसे चल रहा था?
उन्होंने कहा राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस हादसे की पूर्ण रूप से जिम्मेदार मौजूदा हरियाणा सरकार है। हजारों करोड़ रुपये के खनन घोटाले की न्यायिक जांच कराई जाए। साथ ही जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है उनके परिवारजनों को सरकार पर्याप्त मुआवजा दे। सरकार युद्धस्तर पर बचाव अभियान व पीड़ितों को सहायता सुनिश्चित कराए।
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, भिवानी के डाडम खनन क्षेत्र में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बारे में जानकर दुखी हूं। मैं स्थानीय प्रशासन ले लगातार संपर्क में बना हुआ हूं, ताकि अच्छे ढंग से बचाव कार्य को अंजाम दिया जा सके और घायलों को तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि, हमें नहीं पता कि कितने लोग दबे हैं। आशंका है कि कई लोगों की जान चली गई है। एनजीटी के आदेश के तहत इस इलाके में माइनिंग की मनाही की है। सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर माइनिंग की जा रही है। सारी जिम्मेदारी प्रशासन की है। दुर्घटना के बहुत देर बाद अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। बहुत देर से बचाव कार्य शुरू किया गया।
दरअसल, डाडम में पहले से ही बड़े स्तर पर खनन होता आया है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के चलते दो महीने से खनन कार्य पर रोक लगी थी, दो दिन पहले ही एनजीटी ने दोबारा से खनन शुरू करने की मंजूरी दी थी। दो महीने से खनन कार्य बंद रहने और भवन निर्माण सामग्री की कमी को पूरा करने के लिए ही बड़े स्तर पर धमाके किए गए, जिसकी वजह से पहाड़ अचानक से दरक गया।
--आईएएनएस
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope