भिवानी। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चौथा बजट पेश करके प्रदेश की जनता को कोरे सपने दिखाए हैं। जबकि बजट में ऐसा कुछ नहीं है जो कि प्रदेश की जनता को महंगाई, बेरोजगारी से राहत प्रदान करे। सरकार को चाहिए कि पहले के बजट की घोषणाओं पर श्वेत पत्र जारी करे, ताकि प्रदेश की जनता को पता चल सके कि सरकार क्या काम कर रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बुवानीवाला ने कहा कि यह बजट प्रदेश की जनता को गुमराह करने वाला है। पहले के बजट में भी गुरुग्राम में मेट्रो चलाने की घोषणाएं की गई, लेकिन आज तक जमीनी स्तर पर कहीं काम नजर नहीं आया। गुरुग्राम का नागरिक अस्पताल वर्षों से कंडम था। उसे पहले 500 बेड का बनाने की घोषणा की गई। फिर 100 बेड घटाकर 400 किए गए और अब बजट में 400 से बढ़ाकर 700 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की है। इसी से साफ हो जाता है कि बजट में आंकड़ों से खेला जा रहा है। गुरुग्राम के मुख्य बस अड्डे की हालत खस्ता है। कंडम हो चुका है और खाली करवाया जा चुका है, फिर भी बस अड्डे के निर्माण की बजट में कोई बात नहीं है। गुरुग्राम में मल्टी मॉडल बस पोर्ट, हुडा सिटी सेंटर के पास सिटी इंटरचेंज टर्मिनल बनाने की घोषणा करके सरकार वाहवाही लूटना चाह रही है। गुरुग्राम के अलावा अन्य जिलों को भी कुछ खास बजट में प्रावधान नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि कौशल श्रमिकों के लिए संस्थानों का निर्माण करने के लिए बजट में किसी तरह से भी शामिल नहीं किया गया। बिना बजट के ऐसे कैसे संस्थानों का निर्माण होगा। यह घोषणा भी युवाओं के साथ छलावा है। सरकार ने 1.83 हजार करोड़ का बजट जारी करके फिर से जनता को दिगभ्रमित करने का काम किया है। इस बजट में से 80 फीसदी तो कर्मचारियों के वेतन, कर्जे उतारने में खर्च हो जाएगा। मात्र 20 फीसदी बजट से सरकार प्रदेश को खुशहाल करने के खोखले दावे कर रही है। बजट के हर पहलू पर नजर डालें तो सरकार को प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए लोन पर ही आश्रित रहना होगा। हर जिले में मेडिकल कालेज और शिक्षण संस्थानों की पहले की गई घोषणाएं भी बेमानी ही साबित हुई हैं।
बुवानीवाला ने कहा कि किसानों की समस्याओं, फसलों की सुरक्षा समेत अनेक मुद्दों पर सरकार सिर्फ घोषणाओं के सहारे नजर आ रही है। इन क्षेत्रों का भविष्य कैसे स्वर्णिम हो सकता है जब सरकार के पास बजट की कमी रहेगी। हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर है। बेरोजगारी में प्रदेश नंबर-1 पर है। सरकार का बेरोजगारी दूर करने का कोई रोडमैप बजट में नजर नहीं आया। कुल मिलाकर बजट प्रदेश की जनता की समझ से परे है।
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