भिवानी। भिवानी में छठ पर्व के तीसरे और अंतिम दिन महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर अपने कठिन व्रत का समापन किया। छठ मैया के इस व्रत को बच्चों की लंबी उम्र और मनोकामना सिद्धि के लिए रखा जाता है। जूई नहर पुलिया पर बने छठ घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जहां पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
तीन दिवसीय इस पर्व में नहाय-खाय के बाद खरना की रस्म निभाई गई, जिसमें घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए गए और छठ मैया को भोग अर्पित कर प्रसाद वितरित किया गया। पूर्वांचल से आए लोगों ने इस पर्व को धूमधाम से मनाया, वहीं तोशाम बाईपास स्थित छठ मैया घाट पर मेले का आयोजन हुआ और रातभर जागरण में माता की आराधना की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस वर्ष भी बड़ी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और अब हरियाणा में भी इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मना रहे हैं। छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालु 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखते हैं, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न होता है। यह व्रत हर सुहागिन महिला के लिए परिवार की सलामती का प्रतीक माना जाता है और इसी श्रद्धा के साथ इसे भिवानी में भी मनाया गया।
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