भिवानी। भिवानी के सामान्य अस्पताल से डॉ. रघुवीर सिंह शांडिल्य ने 100 दिन के निक्षय शिविर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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सीएमओ डॉ. रघुवीर सिंह शांडिल्य ने बताया कि इस अभियान के तहत भिवानी जिले में 3 मोबाइल वैन तैनात की गई हैं, जिनमें AI X-ray जैसी आधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह वैन गांव-गांव जाकर टीबी मरीजों की जांच करेंगी, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां लोग अस्पताल में जाकर इलाज नहीं करा सकते। इन वैनों की मदद से टीबी की पहचान शीघ्र की जाएगी और मरीजों का इलाज भी सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि टीबी मरीजों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि को 1 नवंबर से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही न्यूट्रिशन कीट भी प्रदान किए जाएंगे। यह योजना 100 दिन तक चलने वाली है, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक सुविधाएं पहुंचाना है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुमन ने कहा कि टीबी के लक्षण शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करते हैं, और फेफड़ों की टीबी से अन्य लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। टीबी के प्रमुख लक्षणों में दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी, बलगम आना, रात को बुखार आना, और सोते वक्त पसीना आना शामिल हैं। डॉ. सुमन ने यह भी बताया कि भिवानी के सभी सीएचसी और पीएचसी केंद्रों पर 23 से अधिक जांच उपलब्ध हैं, और अगर किसी मरीज को टीबी के लक्षण हैं, तो उनके लिए ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
इस पहल से टीबी के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा मिलेगी, और सरकार के प्रयासों से जल्द ही भिवानी जिले को टीबी मुक्त बनाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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