भिवानी। बीते दिनों भिवानी जिला बार एसोसिएशन के प्रधान के साथ जींद की डीएसपी गीता जाखड़ और एएसआई सुशीला कुमारी द्वारा किए गए कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ अधिवक्ताओं का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला जिले में गहरे विवाद का कारण बन गया है, और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है।
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हाल ही में, जींद के अधिवक्ता किसी कार्य से महिला थाना पहुंचे थे। इस दौरान, एएसआई सुशीला कुमारी द्वारा उनके साथ कथित दुर्व्यवहार किया गया। इस घटनाक्रम की शिकायत जब जिला बार एसोसिएशन तक पहुंची, तो एसपी को इसकी जानकारी दी गई। मामले की जांच डीएसपी गीता जाखड़ को सौंप दी गई।
हालांकि, जांच के दौरान, डीएसपी गीता जाखड़ के साथ भी इसी तरह के दुर्व्यवहार की घटना की सूचना मिली। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सत्यजीत पिलानिया ने आरोप लगाया कि डीएसपी ने स्वयं अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया।
सत्यजीत पिलानिया के नेतृत्व में, भिवानी जिले के अधिवक्ताओं ने बुधवार को पूरे प्रदेश में हड़ताल की और अपना विरोध दर्ज कराया। स्थानीय कोर्ट परिसर में आयोजित विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और डीएसपी गीता जाखड़ की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
पिलानिया ने पुलिस प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस सेवा-सुरक्षा-सहयोग के नारे देती है, लेकिन उच्च अधिकारी अपने घमंड के कारण इन नारों को कुचल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रवैये के कारण आम नागरिकों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता और दोष पूरी पुलिस व्यवस्था पर आ जाता है।
पिलानिया ने चेतावनी दी कि यदि डीएसपी गीता जाखड़ को जल्द से जल्द सस्पैंड और गिरफ्तार नहीं किया गया, तो प्रदेश भर के अधिवक्ता संघर्ष को तेज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक गंभीर मामला है और उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि कानून व्यवस्था में सुधार हो सके और न्याय की उम्मीद बनी रहे।
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