चंडीगढ़। अंबाला शहर और अंबाला सदर में अब पहले की तरह अलग-अलग नगर परिषद होंगे क्योंकि हरियाणा सरकार ने क्षेत्र के लोगों के हित में नगर निगम, अंबाला को भंग करने का फैसला किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
अंबाला शहर क्षेत्र और अंबाला सदर क्षेत्र के लिए अलग नगर निकाय अंबाला सदर क्षेत्र के लोगों को समय, दूरी और लागत में कमी के कारण विभिन्न नगरपालिका सेवाओं का लाभ उठाने की अधिक सुविधाजनक साबित होंगे। इसके अलावा, भारतीय सेना के स्टेशन सेल वाले अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड के सैन्य स्टेशन और छावनी क्षेत्रों ने अंबाला सदर क्षेत्र के साथ अंबाला शहर के इलाके की भौगोलिक निरंतरता को भी तोडा है क्योंकि छावनी क्षेत्र इन दोनों क्षेत्रों में आता है। इसके अतिरिक्त, ये दोनों क्षेत्र दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में आते हैं।
अंबाला सदर का शहर अंबाला सिटी के मुख्य नगर निगम कार्यालय से लगभग 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निगम के आयुक्त और सभी शाखा प्रमुखों के कार्यालय भी मुख्य कार्यालय में स्थित हैं। इसके अलावा, अंबाला सदर क्षेत्र के 15 गांवों में से अधिकांश मुख्य निगम कार्यालय से दूर स्थित हैं और अधिकतर नगरपालिका कार्यों और शिकायतों के निवारण के लिए अंबाला सदर क्षेत्र के लोगों को अम्बाला शहर में निगम कार्यालय का दौरा करना पड़ता है।
नगर निगम से संबंधित कार्यों के अलावा अन्य कार्यों के लिए अंबाला सदर क्षेत्र के लोगों को एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस, बिजली, जन स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विभिन्न उप-मंडल कार्यालय में जाना पड़ता है जो अंबाला सदर में स्थित हैं।
इसी तरह, अंबाला शहर क्षेत्र के लोगों के पास अंबाला शहर में अलग उप-मंडल कार्यालय हैं। जनगणना 2001 और 2011 के अनुसार, अंबाला शहर क्षेत्र की जनसंख्या फ्मश: 1,39,279 और 1,95,153 थी। इसी प्रकार, इन दो वर्षों के लिए अंबाला सदर क्षेत्र की जनसंख्या फ्मश: 1,06,568 और 1,70,223 थी।
नगर निगम को जारी रखना आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं था। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए नगर निगम अंबाला की आय 51.15 करोड़ रुपये थी। इसके विरूद्घ अपने स्वयं के प्रतिष्ठान प्रभारों जैसे अपने कर्मचारियों का वेतन, भविष्य निधि शेयर, पेंशन, ग्रैच्युटी और अन्य स्थानीय एवं अनिवार्य दायित्व जैसे लेखा परीक्षा शुल्क, उनके द्वारा अनुबंधित ऋणों का पुनर्भुगतान करने के लिए निगम का खर्च 51.19 करोड़ रुपए था, जो कि आय का 100.08 प्रतिशत है।
इसी तरह, वित्त वर्ष 2015-16 के लिए, व्यय आय का 104.89 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक निगम की आय और व्यय विवरण यह बताते हैं कि वित्त वर्ष 2013-14 को छोड़कर नगर निगम, अंबाला का खर्च कुल आय के 80 प्रतिशत से अधिक था।
मंत्रिमंडल ने नगर निगम फरीदाबाद की 2.5 एकड़ भूमि 66 के.वी. सब-स्टेशन की स्थापना के लिए हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को बेचने के संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की।
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