अंबाला। आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को आयुष इलाज और दवाओं की क्षतिपूर्ति संभव हो सकेगी। यह बात रविवार को विभिन्न जिलों से अम्बाला छावनी आए नेशनल इंटीग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) के डॉक्टरों ने आयुष मंत्री अनिल विज से कही। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विज का आभार भी जताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहाकि मंत्री अनिल विज ने अपने कार्यकाल में आयुष चिकित्सा पद्धति को काफी बढ़ावा दिया है। विश्व का पहला आयुष विश्वविद्यालय हरियाणा में स्थापित किया जा रहा है। वहीं, आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जा रहे हैं ताकि हमें इसका भरपूर लाभ मिल सके।
इस अवसर पर नेशनल इंटीग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आदित्य गर्ग, डा. केसी शर्मा, डा. गुलशन राय शर्मा, डा. दिनेश अग्रवाल, डा. एन शर्मा, डा. सुधीर गुप्ता, डा. आदर्श अग्रवाल, डा. अनिल लोगिंया, डा. अनिल दुरेजा, डा. वेद प्रकाश, डा. त्रेहन, डा. मनोज शर्मा, डा. प्रमोद मित्तल, डा. सुभाष मित्तल सहित कई डॉक्टर मौजूद रहे।
आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के तहत मिलेंगी यह सुविधाएंः
नई नीति के तहत सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे हरियाणा के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रितों को सूचीबद्ध अस्पतालों के इंडोर अपना इलाज करवा सकते हैं। कुछ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की पुरानी बीमारी के रोगियों के बाह्य उपचार के दौरान भी प्रतिपूर्ति की जाएगी क्योंकि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पतालों में बाह्य रोगियों को उपचार कराने के लिए कोई दवा निर्धारित नहीं है।
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