अम्बाला। कैंटोनमेंट
बोर्ड के वार्ड नंबर 3 से पार्षद अजय बवेजा पर हुए हमले की सभी कड़ियां पुलिस ने
सुलझा ली हैं। हालांकि पुलिस ने मामले को हाई प्रोफाइल देखते हुए बड़ी ही
सावधानी से इस ओर अपने कदम बढ़ाए थे। परंतु जब इस मामले में बवेजा
के ही साथी पार्षद एवं कैंटोनमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी की
भूमिका के बारे में संदेह हुआ, तो पुलिस जांच में तेजी लेकर आई और वीरवार
सुबह पुलिस ने इस मामले को खोलकर मीडिया के सामने रख दिया। इस
हमले में पुलिस ने फिलहाल सुरेंद्र तिवारी समेत नौ लोगों को हिरासत में ले लिया है।
कानून की विभिन्न धाराओं के तहत उन पर केस भी दर्ज किया है।
इस पूरे
मामले को सुलझाने में अंबाला कैंट की सीआईए दो पुलिस वैन की अहम भूमिका
रही। जिसका नेतृत्व डीएसपी सुरेश कौशिक ने किया। सुरेश
कौशिक ने बताया कि शुरुआती जांच के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि यह मामला
राजनीतिक रंजिश की वजह से हुआ और बवेजा पर हमले की भूमिका रची गई।
बवेजा पर हमला करने से पहले बाकायदा उनकी रैकी भी की गई है । बवेजा 8 अप्रैल की
शाम को रेस्ट हाउस से निकलकर जब सिया वाटिका में अपने ऑफिस में गए तो वहां
पर पांच युवकों ने उन पर हमला कर दिया। कुछ युवक बाहर लोगों के संपर्क
में थे। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से और सीसीटीवी की फुटेज खंगालकर इस
मामले को शीशे की तरह साफ कर दिया।
पूछताछ में कमजोर कड़ी साबित हुए एक
आरोपी ने इस मामले में सुरेंद्र तिवारी की भूमिका से पर्दा उठा दिया।
पुलिस ने फिलहाल तिवारी समेत 8 अन्य आरोपियों पर कानून की विभिन्न धाराओं
के तहत केस दर्ज कर दिया है। इस मामले में संलिप्त अन्य तीन या चार लोगों की
भूमिका भी है, जिन पर पुलिस जल्दी ही शिकंजा कस देगी।
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