अंबाला। सुनो भाईयो और बहनों कथा 1857 की। कान खोलकर सुनो कहानी क्रांति के पहले सावन की। यह पंक्तियां आज हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री तथा अम्बाला छावनी के विधायक अनिल विज के समक्ष प्रसिद्ध लेखक एवं अभिनेता अतुल तिवारी ने गुनगुनाई।
विज आज अम्बाला छावनी में निर्माणाधीन शहीद स्मारक में अतुल तिवारी द्वारा शहीद स्मारक के मेमोरियल टॉवर पर प्रोजेक्टर द्वारा दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री की पटकथा को सुना। उन्होंने अतुल तिवारी द्वारा लिखी गई पटकथा की तालियां बजाते हुए सराहना की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसके उपरांत पूर्व मंत्री अनिल विज ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक व एशिया का सबसे बड़ा म्यूजियम अम्बाला छावनी-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाया जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई 1857 में अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी जिसका सम्पूर्ण विवरण यहां पर दिखाया व प्रदर्शित किया जाएगा।
इस स्मारक में बड़ी 11 गैलरियां बनाई जाएंगी, एक कमल का फूल मैमोरी टावर यहां पर स्थापित होगा, दो लिफ्ट होंगी। शहरी स्मारक को देखने के लिए लोगों का काफी फुटफॉल होगा, 21 गाइड यहां पर तैनात किए जाएंगे ताकि लोग शहीदी स्मारक के सम्बन्ध में जो भी जानकारी या विशेषता जानना चाहेंगे, उनकी जानकारी दी जा सकेगी।
इसमें आठ रेस्टोरेंट होंगे जिसमें बेहतरीन व्यंजन होंगे। एक सेमिनार शॉप होगी जिसमें हरियाणा की बनी चीजें एवं मॉडल प्रदर्शित होंगे। जो भी व्यक्ति शहीदी स्मारक को देखने आएगा, उसे एक दिन लगेगा। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि आचार संहिता से पहले-पहले इस शहीदी स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करवाने का प्रयास रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए एंट्री फीस भी रखी जाएगी जोकि इसके रखरखाव पर खर्च की जाएगी।
पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक ने यह भी बताया कि यहां पर दो हजार लोगों की क्षमता का ओपन एयर थियेटर भी बनाया जा रहा है, जिसमें डिजिटल, विजुअल, इलेक्ट्रॉनिक्स व लेजर के माध्यम से 1857 की क्रांति को दिखाने व दर्शाने का काम किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी की लड़ाई के बारे में कांग्रेस ने केवल यही बताया है कि यह लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी थी लेकिन आजादी की लड़ाई के लिए कितने लोगों ने कुर्बानियां दी, कितनों ने लड़ाइयां लड़ी, यह कभी नहीं बताया।
उन्होंने प्रसिद्ध कलाकार अतुल तिवारी द्वारा 1857 की क्रांति के ऊपर जो कविता लिखी है, उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह कविता सुनकर सभी स्तब्ध रह जाएंगे, उनकी आंखे नम हो जाएंगी। इस स्मारक के दृष्टिगत हिन्दुस्तान के बेहतरीन हिस्टोरियन द्वारा कार्य किया जा रहा है और सभी बेहतर समन्वय बनाते हुए कार्य कर रहे हैं। सभी के प्रयासों से 1857 की क्रांति पर एक बेहतरीन फिल्म भी बनाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आजादी की पहली लड़ाई अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी और उसके बाद यह चिंगारी पूरे देश में फूटी। इस अवसर पर शहीद स्मारक के निदेशक डा. कुलदीप सैनी, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन रितेश अग्रवाल व अन्य मौजूद रहे।
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