छोटा उदयपुर। गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए 48,000 बूथों के इलाकों में जाएंगे। ऐसा इसलिए कि पार्टी राज्य में लगातार छठी बार सत्ता में लौटने की कोशिश में है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इसी के मद्देनजर बुधवार को कार्यकर्ताओं को एक बेहद साधारण फॉर्मूला देते हुए राज्य की 182 में से 150 सीटों पर जीतने का लक्ष्य तय किया। उन्होंने कहा, ‘जब नरेंद्र भाई (नरेंद्र मोदी) यहां के मुख्यमंत्री थे, हमने 120 सीटें जीती थीं। अब जब वह प्रधानमंत्री हैं, हमें 150 सीटें जीतनी चाहिए।’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा अध्यक्ष शाह मध्य गुजरात के जनजातीय इलाके के छोटा उदयपुर स्थित देवलिया गांव में तीन बूथों के क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों से मिले। यह क्षेत्र कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। यहां शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘हम कोई भी सीट जीतें या हारें, देवलिया से नहीं हारना है। आप लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैं खुद आप लोगों के बीच आया हूं।’
अब राज्य में विधानसभा चुनाव सिर्फ छह महीने दूर हैं। ऐसे में अपनी रणनीति के तहत पार्टी अध्यक्ष ने बूथ प्रबंधन अभियान की शुरुआत के लिए इस जनजातीय इलाके को चुना है। परंपरागत रूप से भाजपा का समर्थक माना जाता रहा शक्तिशाली पटेल समुदाय सरकारी कॉलेजों तथा नौकरियों में आरक्षण नहीं दिए जाने की वजह से इस बार सत्तासीन पार्टी से नाराज है। इस स्थिति में पार्टी अन्य समुदायों के बीच पकड़ और समर्थन को मजबूत करने की कोशिश में है और 15 प्रतिशत जनजातीय वोट उसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। राज्य की 27 विधानसभा सीटों पर जनजातीय वोट बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और अन्य कई सीटों पर परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं।
गुजरात में भी अमित शाह ने वही किया, जो वह अन्य राज्यों के अपने हालिया दौरों में करते आए हैं। उन्होंने देवलिया गांव के ही निवासी पोपट वसावा के घर पर दोपहर का भोजन किया, जिनका परिवार काफी उत्साहित था। उनके घर में बिल्कुल नया शौचालय बना हुआ है और उन्हें स्थायी रसोई गैस कनेक्शन भी दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष के लिए भोजन गैस स्टोव पर ही पकाया गया था। वैसे, पोपट वसावा ने इस बात का खंडन किया है कि ये दोनों हालिया तोहफे हैं और उनका ताल्लुक भाजपा अध्यक्ष के दौरे से है। उन्होंने कहा, ‘हमने शौचालय लगभग एक महीने पहले सरकारी अनुदान की मदद से बनवाया था, और गैस कनेक्शन हमें बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में दिया गया है।’
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