गांधीनगर। गुजरात एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के खिलाफ राज्य में सबसे बड़ी अनुपातहीन संपत्ति का केस दर्ज किया है। एसीबी ने अधिकारी के खिलाफ कथित रूप से 30 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति का केस दर्ज किया है। इतनी बड़ी राशि कहां से आई, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वीरम देसाई, डिप्टी ममलतदार (क्लास 3), जो कुछ साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे, ने 55.45 करोड़ रुपये का व्यय/निवेश किया, जबकि उनकी वैध आय 24.97 करोड़ रुपये है। एसीबी के अनुसार, यह उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 30.47 करोड़ रुपये या 122.39 प्रतिशत अधिक है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
2006 और 2020 के बीच, देसाई ने बैंक खातों में 5.48 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे। एसीबी ने यह भी पाया कि देसाई ने 7.42 करोड़ रुपये नकद भुगतान किया था और इस अवधि में अपने बैंक खातों से 3.08 करोड़ रुपये निकाले। जांच के दौरान एसीबी को विरम के 30 बैंक खाते मिले।
इसके अलावा, 4.61 करोड़ रुपये की राशि देसाई द्वारा अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों से कई अन्य देशों में हस्तांतरित की गई थी जिससे पता चलता है कि उन्होंने विदेशों में भी निवेश किया है।
देसाई, उनकी पत्नी, बेटे, बहू, बेटी और अन्य पर भ्रष्टाचार विरोधी कानून, 2018 संशोधन, धारा 12, 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसीबी के इतिहास में यह सबसे बड़ा मामला है, जिसमें इतनी बड़ी मात्रा में अनुपातहीन संपत्ति का पता चला है। एसीबी ने वीरम के तीन फ्लैटों, बंगले, 11 दुकानों, एक कार्यालय, दो भूखंडों, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, जगुआर, होंडा सिटी सहित कुल 11 कारों का पता लगाया है।
--आईएएनएस
शहीद दिवस असम आंदोलन के लिए खुद को समर्पित करने वाले बलिदानियों को याद करने का अवसर : पीएम मोदी
उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कांग्रेस का संवैधानिक संस्थाओं पर सुनियोजित हमला : सुधांशु त्रिवेदी
राइजिंग राजस्थान 2024 - राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर राज्य सरकार दे रही विशेष जोर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
Daily Horoscope