रूपाणी ने कहा कि हमने पहले केवल कच्चे घरों में रहने वालों को स्थानांतरित
करने की योजना बनाई थी, लेकिन चक्रवात के गंभीर होने की आशंका के कारण
तटीय गांवों में सभी लोगों को स्थानांतरित करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री
ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को सुरक्षित जगहों पर
पहुंचाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की
सफलता तभी होगी, जब कोई जान नहीं जाए।
रूपाणी ने कहा कि दोपहर तक करीब 1.20
लाख से अधिक लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया था और शाम तक और भी लोगों
को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि गुजरात में राष्ट्रीय
आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें और अन्य पहले ही आ चुके हैं। मुख्यमंत्री
ने कहा, चक्रवात का पहला प्रभाव रात को महसूस किए जाने की उम्मीद है और
इसका अधिकतम प्रभाव सुबह तडक़े चार बजे के बाद दिखाई देगा।
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