नई दिल्ली । गुजरात में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत के मामले में कांग्रेस ने सरकार पर दबाब बनाते हुए कुछ मांगे रखी हैं। इसमें मृतकों को मुआवजा, मामले की जांच व पीड़ित मरीजों के इलाज को लेकर कहा गया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के गृह राज्य गुजरात में करोड़ों का ड्रग्स पकड़ा जाना और शराब के अवैध कारोबार का इस तरह फलना फूलना महज संयोग नहीं हो सकता है। यह स्पष्ट तौर पर सत्ता के संरक्षण में किया जा रहा प्रयोग है। खेड़ा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, जहरीली शराब कांड की हाई कोर्ट के सीटिंग जज द्वारा जांच होनी चाहिए। क्योंकि जिस पुलिस पर आरोप है यदि वही जांच करेगी तो जांच का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। वहीं जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से अधिकांश गरीब थे और घर चलाने की उन पर जिम्मेदारी थी। ऐसे परिवारों को समुचित मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही इस कांड की वजह से जिनकी आंखें चली गई हैं या किडनी डैमेज हो गई है उनके लिए मुफ्त और बेहतर इलाज की व्यवस्था हो। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने आगे कहा, इतना बड़ा मामला हुआ, करीब 50 लोगों की जान गई, 100 से ज्यादा लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं लेकिन न तो गृह मंत्री ने, न मुख्यमंत्री ने और ना ही प्रधान मंत्री ने मृतकों के परिवारों से मुलाकात की। जबकि प्रधानमंत्री गुजरात से हैं।
कांग्रेस के मुताबिक, इतने खतरनाक रसायनिक पदार्थ के उत्पादन और बिक्री पर सरकार की कड़ी निगरानी होनी चाहिए। लेकिन इस मामले में जो हुआ उससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अहमदाबाद से 'मिथाइल अल्कोहल' बोटाद जिले में लाया गया, उसमें पानी मिलाया गया और शराब के रूप में लोगों को बेच दिया गया। कांग्रेस ने कहा, एक ड्राई स्टेट में इतना सब कुछ हो जाए और स्थानीय पुलिस-प्रशासन को भनक तक नहीं लगे, ये संभव नहीं है। जरूर इसके पीछे सत्ताधारी दल के नेता, पुलिस-प्रशासन और शराब माफियाओं की मिलीभगत रही होगी।
--आईएएनएस
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