6. इसके पहले चरण में केवल यात्रियों को इस पार से उस पार जाने का
मौका मिलेगा लेकिन दूसरे चरण में इस फेरी सर्विस के माध्यम से बड़े वाहन भी
ले जाए जा सकेंगे। ये भी पढ़ें - क्राइम पेट्रोल देख कर बनाया प्लान फिर ढाई साल के मासूम को चाची ने ही मार डाला
7. रो-रो फेरी सर्विस में जो बोट रहेगी,
उसमें 100 बड़े वाहनों की ढुलाई और करीब 500 लोगों की यात्रा एक साथ होगी,
लेकिन फिलहाल इस प्रोजेक्ट का एक ही फेज पूरा हुआ है। जिसमें केवल
पैसेंजर्स के लिए सुविधा शुरू होगी। इसमें प्रति व्यक्ति किराया सिर्फ 600
रुपये रखा गया है। फेरी के किराए की यह दर बस सुविधा से सस्ती होगी।
8.
इस प्रोजेक्ट का दूसरा फेज जनवरी 2018 में शुरू होगा जिसके तहत बड़े वाहन
के साथ-साथ 500 से ज्यादा यात्री एक ही फेरी में आ जाया करेंगे। फिलहाल
फेज-1 की फेरी में 250 पैसेंजर ही आ सकेंगे।
9. इस फेरी
सर्विस पर 614 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। घोघा और दाहेज बंदरगाहों को इसके
लिहाज से तैयार करने के लिए केंद्र सरकार से 117 करोड़ रुपये सागरमाला
परियोजना के तहत आवंटित किए गए थे।
10. गुजरात सरकार के मरीन एवं पोर्ट अफेयर्स के पास इसकी जिम्मेदारी है, जिसने 2011 में इसके टेंडर निकाले थे।
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