अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट के वकील यतीन ओजा ने गुजरात हाईकोर्ट के जज एमआर शाह पर गंभीर आरोप लगाए हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर को चिट्ठी लिखी है। वकील यतीन ओजा ने जज एमआर शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी के दौरान राज्य सरकार क मदद से एक करोड के कालेधन को नए नोट में बदला है। आपको बता दें कि यतीन ओजा को अमित शाह के मेंटर के तौर पर भी जाना जाता है। बीजेपी अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट के वकील यतीन ओजा ने गुजरात हाईकोर्ट के जज एमआर
शाह पर गंभीर आरोप लगाए हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर को चिट्ठी
लिखी है। वकील यतीन ओजा ने जज एमआर शाह पर आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी
के दौरान राज्य सरकार क मदद से एक करोड के कालेधन को नए नोट में बदला है।
आपको बता दें कि यतीन ओजा को अमित शाह के मेंटर के तौर पर भी जाना जाता है।
बीजेपी से किनारे किए जाने के बाद यतीन ओजा ने पहले कांग्रेस और फिर आप
पार्टी जॉइन कर ली थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओजा ने चिट्ठी की शुरुआत में ही लिखा है कि
आरोप काफी गंभीर हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर उनके आरोप गलत
साबित हुए तो वह इसके लिए कोई भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं। उन्होंने
आरोप साबित करने के लिए चीफ जस्टिस से इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत
करवाने की मांग की है। आरोप की जानकारी देते हुए ओजा ने लिखा है कि जज शाह
अहमदाबाद में जुलाई-अगस्त 2016 तक एक बंगले के मालिक थे।
हालांकि
शाह और हाई कोर्ट के दूसरे जजों को हाई कोर्ट के पास में जमीन अलॉट होने के
बाद शाह ने वह बंगला 1 करोड़ में बेच दिया। शाह ने आरोप लगाया है कि वह
रकम कैश में उपलब्ध करवाई गई थी और इसके बारे में शाह ने कोई जानकारी नहीं
दी है। ऐसे में नोटबंदी के दौरान जज के पास यह रकम 500 और हजार रुपये के
नोटों में ही थी, ऐसे में राज्य सरकार की मदद से यह नोट नए करेंसी में बदले
गए। इसमें एक मंत्री और एक पार्टी के नेता ने उनकी मदद की। ओजा ने लिखा है
कि अगर चीफ जस्टिस किसी निष्पक्ष जज से इस मामले की जांच करवाएंगे तो मेरी
हर बात सच साबित होगी। से किनारे किए जाने के बाद यतीन ओजा ने पहले कांग्रेस और फिर आप पार्टी जॉइन कर ली थी।
ओजा ने चिट्ठी की शुरुआत में ही लिखा है कि आरोप काफी गंभीर हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि अगर उनके आरोप गलत साबित हुए तो वह इसके लिए कोई भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप साबित करने के लिए चीफ जस्टिस से इस मामले की निष्पक्ष और विस्तृत करवाने की मांग की है। आरोप की जानकारी देते हुए ओजा ने लिखा है कि जज शाह अहमदाबाद में जुलाई-अगस्त 2016 तक एक बंगले के मालिक थे।
हालांकि शाह और हाई कोर्ट के दूसरे जजों को हाई कोर्ट के पास में जमीन अलॉट होने के बाद शाह ने वह बंगला 1 करोड़ में बेच दिया। शाह ने आरोप लगाया है कि वह रकम कैश में उपलब्ध करवाई गई थी और इसके बारे में शाह ने कोई जानकारी नहीं दी है। ऐसे में नोटबंदी के दौरान जज के पास यह रकम 500 और हजार रुपये के नोटों में ही थी, ऐसे में राज्य सरकार की मदद से यह नोट नए करेंसी में बदले गए। इसमें एक मंत्री और एक पार्टी के नेता ने उनकी मदद की। ओजा ने लिखा है कि अगर चीफ जस्टिस किसी निष्पक्ष जज से इस मामले की जांच करवाएंगे तो मेरी हर बात सच साबित होगी।
यतीन ओजा का पहले भी रहा है विवादों से नाता-
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब यतीन ओजा ने ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले यतीन ओजा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में दावा किया था कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और ओवैसी आपस में मिले हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वकील यतीन ओजा को गुजरात हाई कोर्ट के दो न्यायधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने ओजा को फटकार लगाते हुए कहा था कि वो एक हलफनामा दायर कर माफी मांगें और उसमें ये भी लिखें कि वो अब इस तरह के बयान दोनों जजों के खिलाफ नहीं दे देंगे। ओझा ने बयान दिया था कि गुजरात हाई कोर्ट के न्यायधीश एमआर शाह और केएस झावेरी संविधान के मुताबिक नहीं, बल्कि 7 रेस कोर्स रोड और 11 अशोक रोड के इशारे पर काम करते हैं।
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