अहमदाबाद।आदिवासी विकास विभाग के तहत बोडेली में पाए गए फर्जी सरकारी कार्यालयों को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच विधायक दल के नेता अमित चावड़ा और प्रमुख विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित कांग्रेस पार्टी के दस सदस्यों को मंगलवार को गुजरात विधानसभा से निलंबित कर दिया गया।
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यह निलंबन तब हुआ, जब विधायकों ने नारे लगाकर विधानसभा की कार्यवाही बाधित की और कई वर्षों से चल रहे फर्जी आदिवासी विकास विभाग कार्यालयों के लिए जवाबदेही की मांग की।
चावड़ा और मेवाणी के अलावा निलंबित किए गए अन्य विधायक तुषार चौधरी, गेनीबेन ठाकोर, गुलाबसिंह चौहान, अमृतजी ठाकोर, अनंत पटेल, इमरान खेड़ावाला, कांति खराड़ी और अरविंद लदानी थे।
बोडेली में फर्जी सरकारी कार्यालयों के संबंध में एक सवाल के दौरान यह विवाद खड़ा हो गया। जनजातीय विकास मंत्री कुबेर डिंडोर ने खुलासा किया कि बोडेली में फर्जी कार्यालय का पता चलने के बाद उसे तुरंत बंद कर दिया गया था और इसे चलाने में शामिल पांच लोगों की गिरफ्तारी के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी।
घोटालेबाजों ने सरकारी धन में अवैध रूप से लगभग 21 करोड़ रुपये सुरक्षित कर लिए थे, इसके बावजूद डिंडोर ने आश्वासन दिया कि धोखाधड़ी का पता चलने पर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
तुषार चौधरी ने आरोप लगाया कि छोटा उदेपुर में ऐसे और भी फर्जी कार्यालय हैं, जिसका मतलब है कि महत्वपूर्ण सरकारी संसाधनों को हड़पने की एक बड़ी योजना चल रही है। विधायक अमृतजी ठाकोर के एक प्रश्न से पता चला कि बोडेली कार्यालय 2016-17 से चालू था, जिससे चिंता पैदा हुई कि घोटाला लंबे समय से चल रहा था।
--आईएएनएस
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