अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री माया कोडनानी को निर्दोष करार दिया है। वहीं बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। आपको बता दें कि बाबू बजरंगी को जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा सुनाई गई थी। बाबू बजरंगी के अलावा हरेश छारा, सुरेश लंगड़ा को भी दोषी करार दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि 16 साल पहले 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था। 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना के बाद अगले अगले जब गुजरात में दंगे की लपटें उठीं तो नरोदा पाटिया सबसे बुरी तरह जला था। नरोदा पाटिया में हुए दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें 33 लोग जख्मी भी हुए थे।
नरोदा पाटिया नरसंहार को जहां गुजरात दंगे के दौरान हुआ सबसे भीषण नरसंहार बताया जाता है, वहीं ये सबसे विवादास्पद केस भी है. ये गुजरात दंगों से जुड़े नौ मामलों में एक है, जिनकी जांच एसआईटी ने की थी।
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