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आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में आसाराम बापू के छिंदवाड़ा आश्रम में
कक्षा 12वीं की छात्रा के साथ अगस्त 2013 में यौन उत्पीडऩ किया गया था।
छिंदवाड़ा में उसकी बीमारी की शिकायत के बाद, आसाराम ने राजस्थान में
जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित मनाई गांव में अपने आश्रम में लडक़ी और
उसके परिजनों को बुलाया था। पीडि़ता की शिकायत के अनुसार, ‘‘आसाराम ने वर्ष
2013 में 15-16 अगस्त की आधीरात को उसके साथ यौन उत्पीडऩ किया।’’
उसने
इस घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी, जिन्होंने 20 अगस्त को कमला नगर
पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। आसाराम बापू को इंदौर
में गिरफ्तार किया गया और एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया। उसके बाद दो
सितंबर, 2013 से वह न्यायिक हिरासत में हैं। आसाराम को बुधवार को भारतीय
दंड संहिता की धारा 376, पोक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत
दोषी ठहराया गया।
पुलिस ने आसाराम बापू और चार अन्य सह सहयोगियों
शिवा, शिल्पा, शरद और प्रकाश के खिलाफ इन अधिनियमों के तहत छह नवंबर, 2013
में आरोप-पत्र दाखिल किया था। पुष्ट सूत्रों ने बताया कि अदालत ने
शिल्पी(आसाराम के आश्रम की वार्डन) और शरद को दोषी ठहराया है, जबकि शिवा व
प्रकाश को अदालत ने बरी कर दिया है। आसाराम बापू गुजरात में एक और यौन
उत्पीडऩ मामले का सामना कर रहे हैं।
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