अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शुक्रवार रात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल पर बड़ा आरोप लगाया। विजय रुपाणी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गुजरात एटीएस ने भरूच से जिन दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक आतंकवादी अहमद पटेल के संचालन में चल रहे अंकलेश्वर के सरदार पटेल अस्पताल में काम करता था। गिरफ्तारी से दो दिन पहले उसने अस्पताल से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस सांसद अहमद पटेल उस अस्पताल के ट्रस्टी हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और पूरे मामले पर अपनी सफाई देनी चाहिए। आपको बता दें कि गुजरात एटीएस ने भरूच से आईएसआईएस के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रूपाणी ने कहा कि पूछताछ में पता चला कि इन दोनों आतंकवादियों का मकसद हिंदू धर्मगुरुओं पर हमला करना और यहूदी स्थलों को भी निशाना बनाना था। सीएम रुपाणी ने कहा कि अहमद पटेल इस अस्पताल का संचालन करते रहे और इसके ट्रस्टी भी रहे हैं। रुपाणी ने अहमद पटेल से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि पटेल और कांग्रेस इस गंभीर मुद्दे पर अपनी सफाई दें। वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस मामले पर बीजेपी को नसीहत देते हुए गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में जो दोषी हो उसे फांसी पर लटका दिया जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पताल लोगों की सेवा के लिए है। इस मामले पर राजनीति न की जाए। सीएम विजय रुपाणी के इस दावे को अस्पताल ने भी खारिज कर दिया है। अस्पताल ने एक प्रेस रिलीज़ में कहा है कि कासिम उनके यहां काम करता था और उसकी नियुक्ति सभी नियमों के पालन के बाद हुई थी। अस्पताल के मुताबिक, चार अक्टूबर 2017 को कासिम नौकरी छोडक़र चला गया था। अस्पताल ने कहा है कि अफवाह फैलाई जा रही है कि अहमद पटेल और उनका परिवार अस्पताल के ट्रस्टी हैं। अस्पताल की तरफ से सफाई दी गई है कि इस अस्पताल के ट्रस्ट या मैनेजमेंट में अहमद पटेल या उनके परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है।
ये है पूरा मामला
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