उन्होंने कहा, यह अच्छी बात है कि कांग्रेस और देश के लोगों ने भाजपा सरकार
पर दबाव बनाया, जिसके चलते कई वस्तुओं को 28 फीसदी कर के दायरे से निकालकर
कर 18 फीसदी कर के दायरे में शामिल किया गया। अगर चौतरफा विरोध न होता, तो
यह बदलाव नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, लेकिन हम इससे खुश नहीं हैं और हम
इतने भर से नहीं रुकेंगे। भारत में पांच अलग-अलग करों की जरूरत नहीं है,
बल्कि देश में एकल कर की जरूरत है। इसलिए जीएसटी में संरचनात्मक बदलाव की
जरूरत है। ये भी पढ़ें - क्राइम पेट्रोल देख कर बनाया प्लान फिर ढाई साल के मासूम को चाची ने ही मार डाला
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