पणजी। गोवा में अनुसूचित जनजाति समुदाय ने राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी है। इस बावत केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि चूंकि गोवा में अनुसूचित जनजाति की आबादी कम है, इसलिए तटीय राज्य में आरक्षण संभव नहीं है।
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रामदास आठवले ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा, “गोवा में अनुसूचित जनजातियों की आबादी जनगणना के अनुसार बहुत कम है, इसलिए आरक्षण संभव नहीं है।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोवा फॉरवर्ड के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि भाजपा सरकार को केंद्रीय मंत्रियों के बयान पर जवाब देना चाहिए और इसे स्पष्ट करना चाहिए।
सरदेसाई ने कहा, “क्या यह एक मजाक है या भाजपा सरकार की नीति है? आठवले का यह बयान कि गोवा विधानसभा में एसटी के लिए आरक्षण संभव नहीं है, बहुत चौंकाने वाला है और इस पर गंभीरता से विचार किया जाना असंभव है।”
फतोर्दा के विधायक ने कहा कि गोवा विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य सरकार से समुदाय की इस लंबे समय से चली आ रही उचित मांग को जल्द से जल्द लागू करने के लिए केंद्र को मनाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है।
“मैं चाहता हूं कि गोवा भाजपा और मुख्यमंत्री कार्यालय उनके बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दें और एसटी समुदाय और गोवा के लोगों को स्पष्ट करें कि वे कहां खड़े हैं। मैं इस तरह की टिप्पणियों को बिना सवाल किए जाने नहीं दे सकता। क्या डबल इंजन एक बार फिर एसटी समुदाय को धोखा देने के लिए तैयार है?''
जुलाई में गोवा विधानसभा ने सर्वसम्मति से एसटी नेता और विधायक डॉ. गणेश गांवकर द्वारा पेश एक निजी सदस्य प्रस्ताव को अपनाया था, जिसमें सरकार से एसटी के लिए गोवा विधानसभा में राजनीतिक आरक्षण का प्रावधान करने के लिए कहा गया था।
एसटी समुदाय पिछले दो दशकों से राजनीतिक आरक्षण की मांग उठा रहा है। उन्होंने चुनाव से पहले आरक्षण घोषित नहीं होने पर लोकसभा चुनाव 2024 का बहिष्कार करने की भी धमकी दी है।
आईएएनएस
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