पणजी। गोवा में समुद्रतटों पर डूबने और अन्य घटनाओं के मामले बढऩे के बाद राज्य के मशहूर समुद्र तटों पर ‘नो सेल्फी जोन’ निर्धारित किए गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राज्य के समुद्र तटों पर प्रबंधन का काम करने के लिए राज्य सरकार की ओर से नियुक्त निजी लाइफगार्ड एजेंसी ‘दृष्टि मरीन’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि शंकर ने बताया, ‘समुद्र तटों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बड़े स्तर पर नो सेल्फी जोन निर्धारित किए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फिसलन भरी और पथरीली जगह पर फोटोग्राफी लेने के दौरान यहां अक्सर दुर्घटना हो जाती है। यहां समुद्र तटों पर मौजूद पथरीली जगह फोटोग्राफी प्रेमियों को और भी आकर्षित करती है।’ शंकर ने कहा, ‘एजेंसी ने 24 सेल्फी जोन्स की पहचान की गई है। इनमें उत्तर गोवा में बागा रिवर, डोना पॉला जेट्टी, सिंकेरिम फोर्ट, अंजना, वागाटर, मोर्जिम, अश्वेम, अरमबोल, केरिम और बांबोलिम तथा सिरिदाओ के बीच (सभी समुद्र तट) हैं। दक्षिण गोवा में एगोंडा, बोगमालो, होलेंट, बाइना, जापाना गार्डन, बेतुल, कनगिनिम, पालोलेम, खोला, काबो डे रामा, पोलेम, गल्गीबाग, तालपोना और रागबाग (सभी समुद्र तट) चिह्नित किए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद वहां लगे झंडों पर चित्रित दिशा-निर्देश, आपातकालीन निशुल्क फोन नंबर तथा ‘क्या करना चाहिए’ और ‘क्या नहीं करना चाहिए’ के निर्देश लिखे जा रहे हैं।’ दो अलग-अलग मामलों में 17 जून को सेल्फी लेते समय तमिलनाडु निवासी दो पर्यटकों की मौत हो गई थी। पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना ने नो सेल्फी जोन बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। हर साल 60 लाख से ज्यादा पर्यटक गोवा पहुंचते हैं।
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