पणजी। गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने सोमवार को गोवा सरकार से एक सीटी-ब्लोइंग नौकरशाह के कथित उत्पीड़न पर सवाल उठाया। नौकरशाह ने राज्य सीवेज एंड इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन पर अनुपचारित सीवेज पानी को एक जलाशय में छोड़ने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता उदय चारी, जो राज्य सरकार के मनोचिकित्सा और मानव व्यवहार संस्थान में एक नर्स के रूप में कार्यरत हैं, ने उनके खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर एक प्रथम सूचना रिपोर्ट को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें याचिकाकर्ता पर खेत के पानी की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां अनाधिकृत तरीके से हासिल करने का आरोप लगाया गया है। चारी के खिलाफ प्राथमिकी 2012 में दर्ज की गई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
न्यायमूर्ति एम.एस. सोनाक और एम.एस. जावलीकर ने सोमवार को कहा, "आप 2012 और 2021 से इसका पालन कर रहे हैं। क्या आप यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर कोई सरकार के खिलाफ जाता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे? क्या सरकारी विभागों के पास और कोई काम नहीं है?"
बेंच ने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बजाय, सरकार को इस तरह की पहल का स्वागत करना चाहिए।
बेंच ने कहा, "आपको ऐसे सरकारी सेवकों का स्वागत करना चाहिए। संदेशवाहक को पकड़ने के बजाय आपको संदेश लेना चाहिए। इस व्यक्ति के खिलाफ जाना, यह तरीका नहीं है। आपको (इसके बजाय) उसे पुरस्कृत करना चाहिए। क्या ये दस्तावेज आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत हैं?"
इससे पहले, लोक अभियोजक ए.जी. नागवेनकर ने कहा कि यह अपराध स्पष्ट रूप से किया गया था और चारी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का कोई सवाल ही नहीं है।
--आईएएनएस
केजरीवाल के जेल में मीठा खाने पर मनोज तिवारी का तंज, तिहाड़ से डासना जेल शिफ्ट करने की मांग
दिल्ली वक्फ बोर्ड मामला : पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश हुए अमानतुल्ला खान
रामनवमी पर मुर्शिदाबाद में हुई झड़प के लिए ममता ने चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार
Daily Horoscope